पत्रिका के अनुभाग: अक्टूबर – दिसंबर २०१४

पत्रिका के अनुभाग: अक्टूबर – दिसंबर २०१४ (अंक ९, वर्ष ३)

अम्स्टेल गंगा के इस फुलवारी में आपका स्वागत है।
रंग बिरंगे फूलों की इस बगीया में विचरण करे और हमें अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत करायें।

सम्पादक मंडल
अम्स्टेल गंगा

पत्रिका के अनुभाग: विषय सूची 

 

हिंदी साहित्य:::

काव्य साहित्य:

      कुण्डलियाँ:

कुण्डलियाँ – शशि पुरवार

      ग़ज़ल:

ग़ज़ल : सुशील ‘साहिल’

हाइकु:

हाइकु हो ना ? – कमला निखुर्पा

कविता:

सेदोका कविताएँ … – डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा

और भी बेटियां है – संजय वर्मा “दृष्टि “

खिड़कियाँ… – डॉ जेन्नी शबनम

प्रभात की आयी है बहार – डॉ. सुनिल जाधव

माँ – प्रेम गुप्ता ‘मानी’

पिता – ज्योत्स्ना प्रदीप

हम जिंदा हैं – मनोज कृष्ण

मैंने हवा से कहा – अमित कुमार सिंह

करेंट विषय – रवि कुमार गोंड़

लेख::

भारत : एक नई जागृति – सिद्धार्थ सिन्हा

हिन्दी के सवाल पर बवाल क्यों? – डॉ. दिनेश कुमार प्रसाद

चिठ्ठी आई है… – प्रियंका गुप्ता

क्या भारतीय विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोहों में रंगीन  .. – युद्धवीर सिंह लांबा “भारतीय”

व्यंग्य::

सैर सपाटा – नीरज त्रिपाठी

नाटक::

आत्महत्या – विजय कुमार

लघुकथा::

अज्ञात-गमन – बलराम अग्रवाल

दलदल – सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा

व्हेरी गुड – संतोष सुपेकर

कहानी::

रंगों के उस पार – कादंबरी मेहरा

संतगिरी – डॉ मनोज श्रीवास्तव ‘मोक्षेंद्र’

और दिन सार्थक हुआ – मधु अरोड़ा

प्यार के रंग – पुष्पा सक्सेना

भोजपुरी हिंदी साहित्य:::

मनोज सिंह ‘भावुक’ के भोजपुरी दोहे

साहित्यिक समाचार :::

डॉ रमा पांडे के काव्य संग्रह, गुहार, का वातायन द्वारा विमोचन – दिव्या माथुर

कला दीर्घा::: 

राधा कृष्ण – अपर्णा श्रीवास्तव

पंछी प्यार के – मीनू सिंह

तीन पीढ़ियाँ – अमित कुमार सिंह

खूबसूरत पान – कृशानु रॉय

प्रकृति -एक खूबसूरत दृश्य – स्वाति सिंह देव

एक परिंदा – मीनाक्षी सिंह

शुभ दीपावली – श्रुति अनंतरमन

उगता सूरज – रिया खरयाल

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