संपादकीय

प्रिय पाठकगण, हम आशा करते हैं कि आप सभी अपने-अपने घरों में कुशलतापूर्वक होंगे। मनुष्य प्रजाती पर COVID-19 नामक विकट समस्या आन पड़ी है। समस्या ईतनी विकट है कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश भी बेबस दिखाई दे रहे हैं। सभी देशों ने दुश्मन से युद्ध भूमि में लड़ने के लिए अपनी शक्ति में वृद्धि की रणनीति पे कार्य करते हुए परमाणु बम बनाना ठीक समझा। किन्तु दुश्मन तो इतना चालाक निकला की वो हमारे देश क्या , हमारे शरीर में ही प्रवेश करने लगा। अब शरीर रूपी युद्ध भूमि में परमाणु बम किस काम का ? शारीरिक युद्ध भूमि में तो सिर्फ औषधि ही काम आएगी। सभी देशों को यह आभास होना आवश्यक है कि अस्त्र-शस्त्र के क्रय-विक्रय में जितना धन झोका जा रहा है कम से कम उसका २०% तो औषधि शोध क्षेत्र में निवेश करना चाहिए। आने वाले समय में, प्रतिस्पर्धा वश, मानव जाती, मानव जाती पर ही भौतिक, रासायनिक, जैविक, और मानसिक हथियार का प्रयोग करेगा। हमें यह समझना पड़ेगा की हम स्वयं के दुश्मन बनते जा रहे हैं। प्रतिस्पर्धा की होड़ में हमने अपने शरीर पर ध्यान देना बंद कर दिया है। अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए अंतर्मन में झाँकना बन्द कर दिया है। ये सब करने के लिए हमारे समक्ष समय ही नहीं है। COVID-19 ने जहाँ चिकित्सक , पुलिस , रोगी वाहन चालकों और अनेको लोगों को अत्यधिक व्यस्त कर दिया है वहीँ बहुत से लोगों को घर की चार दीवारी में रहने के लिए विवश भी किया है।

हर समस्या अपने साथ एक अवसर भी ले के आती है। समस्या से परेशानी सबको होती है , किंतु हर परिस्थिति में उसका सामना करना और निरंतर आगे बढ़ते रहने की कोशिश करना एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की पहचान है।  हमें पूर्ण विश्वाश है कि , अम्स्टेल-गंगा के सभी पाठक प्रभावशाली व्यक्तित्व की खान हैं। आप जिस परिस्थिति में भी हैं आपको अपने शरीर को चुस्त एवं तंदुरुस्त , और मन को प्रसन्न रखने की आवश्यकता है। अच्छा संतुलित भोजन , नियमित व्यायाम , अच्छे विचार और अच्छी किताबों के साथ समय बिताइए। अपने बच्चों पर विशेष ध्यान दीजिए। लम्बे समय तक घर में रहने से उनका स्वाभाव चीड़-चिड़ा होने लगता है और वे हताश होने लगते हैं। ऐसे में आप सभी का बच्चों के साथ अधिक समय बिताना लाभप्रद होगा। बच्चों को प्रोत्साहित करते रहिये और खेल-खेल में नई बातें सिखाते रहिये।

आइये हम सब मिलकर इस वैश्विक महामारी और मानवता पर आये इस संकट का मिलकर मजबूती से मुकाबला करें और अपने अपने देशों की सरकारों का इसमें भरपूर सहयोग करें।

इसी आशा और विश्वास के साथ की जल्दी हमसब इस आपदा पर विजय प्राप्त कर लेंगे, हम आपसे विदा लेते हैं और आशा करते हैं कि अम्स्टेल-गंगा का यह अंक आपको पसंद आएगा।

 

- अमित कुमार सिंह एवं डॉ पुष्पिता अवस्थी

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