पीछले दो बरस से वो भूरी गाय
बंधी थी उसके खूंटे पर
वो पूजता था उसे – प्यार करता था,
कभी कोई एक डण्डी भी मारदे तो भडक जाता था ये कहकर —–
पापी ये पाप सात जन्मों तक नही छूटेगा,
गाय मईया को पिटते तेरे हाथ नही टूटे ?
तेरा दिल नही दहला ?
पाप – पुण्य की परिभाषा भी भूल गया !
मगर अब यही गाय नही दे रही थी दूध
नही बन पा रही थी —— माँ !
तो खुद लगा बेचने कसाई को —-
मात्र पांच सौ रूपयो में,
तभी बूढी माँ आयी और कहने लगी —–
बस माँ की कीमत आज पांच सौ रूपये ही रह गयी ?
कहाँ गया तेरा वो निष्चल प्यार , वो सेवा ?
सब भूल गया — मैं नही बेचने दूंगी इसे कसाई को !
तभी बो गुस्से से बोला —– तू कौन होती है ?
कोई कहे तो मैं तुझे भी बेच दूं,
सारा दिन खकार फैकतीं रहती है !
बूढी माँ माथे पर हाथ रखकर बैठी,
और फिर — बैठी ही रह गयी !!
- डॉ नरेश कुमार ‘‘सागर’’
षिक्षा - स्नातक , वी0ए0एम0एस0
व्यवसाय - आप्टीषियन
जन्म स्थान - ग्राम – भटौना, जिला – बुलन्दषहर – उ0प्र0!
गतिविधयां - मंडल प्रभारी – आगमन साहित्य संस्था , संवाददाता – फारर्वड प्रेस,नई दिल्ली, मंत्री – काव्यद्वीप , अतिथि संपादक – इक्कीसवी सदी के श्रेश्ठ रचनाकार – दिल्ली, पूर्वसहसम्पादक – गौरव विचार पत्रिका, सहसंपादक – फोर्स मिषन , प्रदेष सचिव – पत्रकार वालफेयर एसोसिएसन, उ0प्र0, जिला सचिव – आल प्रेस एण्ड राईटर्स एसोसियषन , लखनउं, मुख्य सलाहकार- पंचषील भारत, राश्टीय कोशाध्यक्ष – जन जागृति विकाष संस्था , अखिल भारतीय साहित्य परिशद – सदस्य , क्षेत्रीय व राश्टीय कवि सम्मेलनो में मंचासीन, अभिनय व मंच संचालन, क्षेत्र पंचायत सदस्य आदि !
उपलब्धियां - डा अम्बेडकर फैलोसिप से सम्मानित- नई दिल्ली, मानव मित्र सम्मान दो बार ‘‘पूर्व राज्यपाल श्री माता प्रसाद जी द्वारा‘‘, अमिताभ खण्डेलवाल स्मृति पुरस्कार- मुजफ्फरनगर , अमन सिंह आत्रेय पुरस्कार- मेरठ , संस्कार भारती पुरस्कार , षषी – सुशमा स्मृति पुरस्कार , गंगा – जमुनी पुरस्कार , संत गंगादास पुरस्कार ,व अन्य साहित्यक , सामाजिक व राजनैतिक पुरस्कारो से सम्मानित !
प्रकाषय - चेतना हिन्दी – यू0एस0ए0, गजाला , सरस सलिल , कुसुम परख ,फारर्वड प्रेस ,हाषिये की आवाज, वंचित जनता, हम दलित, बयान ,बहुजन भूमि, मूल नायक, दलित प्रहरी ,सारर्प रिपोर्टर , अभिनव , अमर उजाला , दैनिक जागरण , गौरव विचार , आदि पत्रिकाओं में काव्य संकलन – -इस मौसम से उस मौसम तक , गुफतगू , षब्द प्रवाह – गजल संग्रह , काव्यषाला , युवा रचनाकार संगम , इक्कसवी सदी के श्रेश्ठ रचनाकार , काव्यद्वीप भाग एक व दो, आदि राश्टीय व अन्तराश्टीय पत्र – पत्रिकाओं में प्रकाषित लेख , पत्र, कहानियां, गीत – गजल, निबन्ध आदि !
अभिरूची - साहित्य लेखन , स्वतंत्र पत्रकारिता , अभिन्य , मंच संचालन , समाज सेवा व राजनैतिक गतिविधयां आदि !
पता - सागर कालोनी, गढ रोड – नई मण्डी , जिला – हापुड