एक समान, एक सक्षम दुनिया के लिए जेंडर संवेदनदशीलता अत्यावश्यक : प्रो.अवस्थी

यह बात डॉ. आम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह कार्यक्रम में नीदरलैंड से आई प्रो. पुष्पिता अवस्थी ने कही। उन्होंने कहा की “एक समान, एक सक्षम दुनिया के लिए जेंडर संवेदनदशीलता अत्यावश्यक है। महिला दिवस पर इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन अपने आप में महत्वपूर्ण है।” ।
प्रो. अवस्थी ने कहा कि यह कार्यशाला निश्चित तौर पर संदर्भित विषय एक समान दुनिया एक सक्षम दुनिया की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। जेंडर संवेदनशीलता के संदर्भ में उन्होंने सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान के समन्वय को संवेदना के स्तर पर ले जाकर समझने को संपूर्णता के रूप में देखने की बात की और कहा कि यह कार्यशाला उस संपूर्णता की एक महत्वपूर्ण कड़ी का हिस्सा प्रतीत होती है।
‘जेंडर संवेदनशीलता : एक समान दुनिया एक सक्षम दुनिया’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में अतिथि वक्ता रिसोर्स पर्सन के रूप में एसएनडीटी मुंबई के फार्मेसी विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं एनएमआइएमएस कॉलेज नंदूरबार के पूर्व प्राचार्य प्रो. रवींद्र रुक्मणी पंढरीनाथ तथा अनुराधा मोहिनी थे।
प्रो. रवींद्र रुक्मणी पंडरीनाथ ने कहा कि हम सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों ही स्तरों पर सामाजिक, सांस्कृतिक और रोजमर्रा की व्यवहारिकताओं के उदाहरणों के जरिए हमारे समाज, समुदाय और हमारी अकादमिक संस्थाओं को जेंडर संवेदनशीलता की ओर ले जाने में कुछ हद तक जरूर कामयाब हो पाएंगे। हम इसके लिए परिचर्चा, लघु फिल्म, समूह गतिविधियों, नाट्य एवं अन्य विभिन्न आयामों के साथ प्रतिभागियों से जुड़ने, उन्हें समझाने और संवेदनशीलता का पाठ पढ़ाने की कोशिश करेंगे।
प्रो. डी के वर्मा ने कहा कि निश्चित तौर पर हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर साप्ताहिक कार्यक्रमों की कड़ी में ऐसी कार्यशाला आयोजित कर अपने परिसर को जेंडर संवेदनशील बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करने की कोशिश कर रहे हैं। ब्राउस की कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि जेंडर संवेदनशीलता से तात्पर्य स्त्री-पुरुष की खांचेबंदियों से बाहर निकलकर मनुष्यता की दिशा में बढ़ना है। उन्होंने आगे कहा कि जब तक यह पूछा जाता रहेगा कि लड़का हुआ कि लड़की तब तक जेंडर संवेदनशीलता नहीं आ पाएगी। सूरीनाम से आए भगवान प्रसाद खुनखुन, प्रो. किशोर जॉन, डॉ. मनीषा सक्सेना, कुसुम त्रिपाठी, डॉ. रश्मि जैन, डॉ. यमिनी राउत सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, संकाय सदस्य, विद्यार्थी प्रतिभागियों के रूप उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मनोज गुप्ता ने किया ।
आभार : नईदुनिया  
- अम्स्टेल गंगा समाचार ब्यूरो 

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