अब और नहीं …

अब आप को इनका काफी ख्याल रखना होगा। किसी भी किस्म का तनाव … इनके लिए जानलेवा हो सकता है …

अटैक मेजर था … पर आपके पति में शायद जीने की अदम्य लालसा थी … या आप सब से प्रेम … जो भी रही हो … वही इन्हें मौत के मुँह से वापस ले आयी। ऐसे अटैक के बाद बचने की संभावना न के बराबर ही रहती हैं। ध्यान रखियेगा इनका … इस बार तो झेल गए पर अगला शायद नहीं …

आई सी यू से बाहर आ कर डॉक्टर ने मुझसे कहा …

बेड पर निर्जीव से पड़े राकेश को देख कर मेरी आँखे शांत होने का नाम ही नहीं ले पा रही थी। सचमुच … आज मैं खुद को कितनी अकेली महसूस कर रही थी … कोई भी तो न था … जिसके कंधे का सहारा इस समय मिल पाता मुझे।

राकेश हमेशा से कहते आये थे कि सिर्फ हम दोनों ही है …  एक दुजे के साथी … बाकि सभी तो वक्त के मेहमान हैं … आयेंगे … जायेंगे … पर साथ हमें ही रहना है उम्रभर। हँसी ख़ुशी से रहो … क्या रखा है मन मुटाव में … जली कटी या ताने में … क्या मिल जाता है तुम्हे मेरा दिल दुखाने में …

पर मैं नासमझ … कहाँ समझ पाई कभी राकेश को … दिल का गुबार ताने के रूप में हमेशा राकेश पर ही निकला …

और वो बेचारे मेरी हर बात सुन लेते थे … भले ही उनकी कोई गलती न हो … मगर मैं, कभी भी राकेश को समझ ही ना पायी।

डॉक्टर ने आज मुझे वो आईना दिखा दिया … जो न मेरे नाते रिश्तेदार दिखा पाए और न मैंने ही देखने की कभी कोशिश की।

डॉक्टर की कही हर बात सीने पर हथोड़े सी लगी … क्या राकेश मेरी बात को हमेशा दिल में ही दफ़न कर देते थे … मेरा तो जो मन में आता बोल देती थी … ज्यादा होता तो रो भी लेती … पर … पर कभी राकेश के बारे में नहीं सोचा।

माँ कहती थी … कि रो लेने से दिल हल्का हो जाता है … गमों को आसुओं का रास्ता मिल जाता है निकलने का … पर … उन्हें तो मैंने कभी रोते हुए भी नहीं देखा … गमों को निकलने का रास्ता कहाँ से मिल पता … हजार गम छुपा कर भी वो इंसान मुझ पर कभी नाराज नहीं हुआ …

राकेश … उफ़ मैंने उनके दिल का क्या हाल कर रखा … सोच कर ही फिर से एक सैलाब आसुओं का आ गया …

कहते हैं ठोकर ही इंसान को सम्हलना सिखाता है … आज एक बार फिर … किस्मत ने मुझे एक मौका दिया है … उस इंसान को पाने का जो कदम दर कदम सिर्फ मेरे साथ ही नहीं रहा अपितु मेरी हर गलती को भी सुधारने के लिए प्रयासरत रहा … ना समझ थी मैं जो समझ कर भी अनजान रही … लेकिन अब नहीं … नहीं … अब और नहीं …

 

 

 

- डॉ ज्ञान प्रकाश    

 

शिक्षा: मास्टर ऑफ़ साइंस एवं डॉक्टर ऑफ़ फिलास्फी (सांख्यकीय)

कार्य क्षेत्र: सहायक आचार्य (सांख्यकीय), मोतीलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश ।
खाली समय में गाने सुनना और कविताएँ एवं शेरो शायरी पढ़ना ।

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