Many congratulations for such a high quality work from a remote corner of the world. Special thanks to Dr. Pushpita Awasthi Ji to participate in this magazine. She is a great signature in the field of literature. Wishing you a bright future.
आप की पत्रिका निश्चित ही प्रभावशाली तरीके से बेहतर सन्देश दे रही है ।हिन्दी भाषा और साहित्य के उत्थान में इस पत्रिका का सार्थक और सामयिक महत्व है । आप की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं |
हिंदी साहित्य के विकास हेतु हिंदी साहित्य के अधिकांश व विभिन्न विधाओं को सम्मिलित करके पत्रिका को खूबसूरत रूप दिया गया है विदेशों में भी हिंदी को बढावा देने का सार्थक प्रयास।वाकई सराहनीय कार्य।सफलता व विकास की प्रबल कामना करती हूं
नीदरलैंड और भारत की साझी संस्कृति को एक मंच पर लाने तथा हिन्दी साहित्यकारों के लिए एक वैश्विक फलक निर्माण की दिशा में किये गए इस भागीरथी प्रयास पर एम्स्टेल गंगा के सम्पादकीय टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
आपके द्वारा किया जा रहा,यह बहुत ही बेहतर और सराहनीय काम हैं।
मगर आप अपनी पत्रिका में हम छोटे मोटे बिना नाम पहचान वाले रचनाकारों को भी जगह दीजिये,
बड़े और नाम वाले रचनाकारों तो कही भी जगह पा जाते है।
अमस्टेल गंगा का हरेक अंक अपने आप में खास है।इस पत्रिका को पढ़कर ऐसा लगता है मानो नीदरलैंड पहुंच गया हूं।आज की तिथि में किसी को अनुमान तक नहीं इसे सारी दुनिया देख रही है।हिंदी में प्रकाशित यह पत्रिका भारत की आत्मा है,ऐसा मुझे लग रहा है।मेरा प्रकाशक मण्डल से अनुरोध होगा कि एक कोई कार्यक्रम नीदरलैंड की धरती पर किया जाय,ताकि हम भारतीय को हिंदी की महत्ता और गरिमा की उन्नति और इसके विस्तार को समझने का अवसर मिल सके।मैं अंग्रेजी का प्राध्यापक हूं ,लेकिन हिंदी का पुत्र हूं और अपनी मां संस्कृत का भक्त हूं।
नीदरलैंड से इस पत्रिका का prakashit hona apne aap men
महत्वपूर्ण घटना है। विषय चयन भी अच्छा है। यदि आप अनुवाद को स्थान दें तो अन्य भाषा का साहित्य भी पाठकों तक पहुंच सकता है। आपके श्रम और उत्कट भावना को नमन।
i m intrested in writing poem gazal n stories . i like to read various world hindi megzains as amstelganga
पत्रिका खुल के पढ़ सके तो बेहतर रहेगा।
Many congratulations for such a high quality work from a remote corner of the world. Special thanks to Dr. Pushpita Awasthi Ji to participate in this magazine. She is a great signature in the field of literature. Wishing you a bright future.
अम्स्टेलगंगा एक सुन्दर पत्रिका है। यदि पत्रिका में एक लघु बैज्ञानिक स्तम्भ भी रखा जाय तो पत्रिका और ज्ञानबर्धक होगी।
प्रिय बंधु,
नमस्कार ! अमस्टेल गंगा के नए अंक की प्रतीक्षा है।
आप हिंदी के बहुत अच्छा कार्य क्र रहे हो
अच्छा प्रयास।दूर रहकर भी हिंदी और हिंदुस्तानियों जो जोड़ने का प्रयास । जय भारत,जय नीदरलैण्ड
आप की पत्रिका निश्चित ही प्रभावशाली तरीके से बेहतर सन्देश दे रही है ।हिन्दी भाषा और साहित्य के उत्थान में इस पत्रिका का सार्थक और सामयिक महत्व है । आप की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं |
हिंदुस्तान और हिंदी भाषा के लिए आपका कार्य प्रशंसनीय, अभिनंदनीय ,वंदनीय है।
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
हिंदी साहित्य के विकास हेतु हिंदी साहित्य के अधिकांश व विभिन्न विधाओं को सम्मिलित करके पत्रिका को खूबसूरत रूप दिया गया है विदेशों में भी हिंदी को बढावा देने का सार्थक प्रयास।वाकई सराहनीय कार्य।सफलता व विकास की प्रबल कामना करती हूं
नीदरलैंड और भारत की साझी संस्कृति को एक मंच पर लाने तथा हिन्दी साहित्यकारों के लिए एक वैश्विक फलक निर्माण की दिशा में किये गए इस भागीरथी प्रयास पर एम्स्टेल गंगा के सम्पादकीय टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
आपके द्वारा किया जा रहा,यह बहुत ही बेहतर और सराहनीय काम हैं।
मगर आप अपनी पत्रिका में हम छोटे मोटे बिना नाम पहचान वाले रचनाकारों को भी जगह दीजिये,
बड़े और नाम वाले रचनाकारों तो कही भी जगह पा जाते है।
अमस्टेल गंगा का हरेक अंक अपने आप में खास है।इस पत्रिका को पढ़कर ऐसा लगता है मानो नीदरलैंड पहुंच गया हूं।आज की तिथि में किसी को अनुमान तक नहीं इसे सारी दुनिया देख रही है।हिंदी में प्रकाशित यह पत्रिका भारत की आत्मा है,ऐसा मुझे लग रहा है।मेरा प्रकाशक मण्डल से अनुरोध होगा कि एक कोई कार्यक्रम नीदरलैंड की धरती पर किया जाय,ताकि हम भारतीय को हिंदी की महत्ता और गरिमा की उन्नति और इसके विस्तार को समझने का अवसर मिल सके।मैं अंग्रेजी का प्राध्यापक हूं ,लेकिन हिंदी का पुत्र हूं और अपनी मां संस्कृत का भक्त हूं।
मेल में पत्रिका का लिंक मिला… सामग्री की तलाश जारी है
नीदरलैंड से इस पत्रिका का prakashit hona apne aap men
महत्वपूर्ण घटना है। विषय चयन भी अच्छा है। यदि आप अनुवाद को स्थान दें तो अन्य भाषा का साहित्य भी पाठकों तक पहुंच सकता है। आपके श्रम और उत्कट भावना को नमन।