“पचरंगो मालवो “ द्वारा मालवी दिवस मनाया गया

इंदौर , इस अवसर पर पचरंगो मालवो समूह संयोजक श्री राजेश भंडारी “बाबू” के संचालन में अभिनव आयोजन हुवा जिसमे काव्यपाठ का शुभारम्भ करते हुवे भंडारी बाबू ने मालवी का गोरव गान किया …घनो घनो प्यारो हे मालवो ने घनी मालवी दुलारी हे , दादाजी की लाड़ली और दादी जी की प्यारी मालवी हे और भाषा अपनी बोलिए जो चाहिए सम्मान मालवी वोले लोग तो मालवा को हे मान ….इसके अलावा अपनी भाषा छोड़ कर पर भाषा अपनाय ऐसे पूत को देख के मालव माटी लजाय सुनाई | फिर “उड़े उड़े रे गुलाल म्हारा मालवा में” सुना कर लोगो को सम्मोहित कर दिया | “वारे दादा जेटली भारी थारी बजट की पोटली” और “आस्तीन के ओटी रखो या छोटी रखो” पर खूब दाद बटोरी |
स्थानीय महावीर नगर उद्द्यान में मालवी के प्रबुद्द मालवी बोली प्रेमी साहित्यकारों द्वारा गुड़ी पडवा को मालवी दिवस के रूप में मनाया गया और पचरंगो मालवो ग्रुप की शुरुवात की |शिखर सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार श्री वेद हिमांशु के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम की अध्यक्चता पूर्व प्राचार्य और वरिष्ठ समाजसेवी श्री मनोहर भंडारी ने की |
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुवे श्री वेद हिमांशु ने कहा की मालवी दिवस वास्तव में मालवी संस्कृति और मालवी लोक सवेदना का दिवस हे |यह हमारे घर आँगन और मालवा के चूल्हे चोक का सम्मान दिवस हे |
वेद हिमांशु जी ने अवसरवाद और बाजारवाद पर बोलते हुवे “ नवा जमाना को यो कई कायदों दादा तम म्हारे राय दो सुना खूब दाद बटोरी | मालवी में एक कहानी (बारता ) भी सुनाई ,कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन श्री महिपाल जैन ने किया |
- राजेश भंडारी “बाबू “

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <strike> <strong>