भारत का ,भारती का
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !
प्रगति का ,परम्परा का
सुखदायी योग तुझमें ,
ममता और त्याग ,भक्ति
ओजस नियोग तुझमें |
पीयूष-पयोधि, रस का ,
अतुलित आगार हिंदी ||
भारत का, भारती का
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !
बढ़कर विजय के पथ पर
अब कहीं कदम न ठहरे ,
जग में पताका यश की
दिग-दिगंत मात फहरे |
प्रतिपल हृदय का तुझसे
जुड़े तार-तार हिंदी ||
भारत का , भारती का
शोभन शृंगार हिंदी ,
माँ ! अनेक आभरण हैं ,
हुई कण्ठहार हिंदी !
- डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
जन्म स्थान : बिजनौर (उ0प्र0)
शिक्षा : संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि एवं पी-एच 0 डी0
शोध विषय : श्री मूलशंकरमाणिक्यलालयाज्ञनिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन।
प्रकाशन : ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह ), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना ‘(चोका-संग्रह) में स्थान पाया।
विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी )पत्र-पत्रिकाओं ,ब्लॉग पर यथा – हिंदी चेतना,गर्भनाल ,अनुभूति ,अविराम साहित्यिकी ,रचनाकार ,सादर इंडिया ,उदंती ,लेखनी , , यादें ,अभिनव इमरोज़ ,सहज साहित्य ,त्रिवेणी ,हिंदी हाइकु ,विधान केसरी ,प्रभात केसरी ,नूतन भाषा-सेतु आदि में हाइकु,सेदोका,ताँका ,गीत ,कुंडलियाँ ,बाल कविताएँ ,समीक्षा ,लेख आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन।
सम्प्रति निवास : वलसाड , गुजरात (भारत )