हाइकु – शालिनी ‘शालू’

 
१.मित्रता सौदा

प्रेम का था व्यापारी

बहा प्रलोभ ।

 
२. वश में प्रेम

अंधकार में बंधी

झूठा बंधन ॥

 
३.प्रकट हुआ

दगाबाज सवेरा

टूटी कसमें ।

 
४.कसमें याद

प्रखर हुए सुर

झूठे थे वादे ॥

 
५.हूँ भयक्रांत

फूटती अश्रुधार

भीगा आंचल ।

 
६. पशुता ओढ़े

वो निकृष्ट मानव

लांघे  दायरा ॥

 
७. वार पे वार

उदंचन तेजाब

बहता काल ।

 
८. आह  गूंजती

झुलसाती है ज्वाला

दहका तन ॥

 
९. छाया निहारे

कुसुम सुन्दरी

बहा आंजन ।

 
९०. हे भावांतर

प्रारब्ध को कोसती

है अंधकार ॥

 
११. साथ छोड़ते

साझे मेरे बंधन

बिखरे मोती ।

 
१२. मर्म झांकती

मैं विस्मयातिरेक

हूँ विस्वर ॥

 
१३. आकर्ष मन

हे उद्दीप्त आक्रांति

कर्म पताका ।

 
१४. मन प्ररूढ़

प्रवंचित ह्रदय

कर्म फतह ॥

 

- शालिनी ‘शालू’

जन्म स्थान- अलवर जिला (राज्य – राजस्थान)भारत

शिक्षा- एमए (हिन्दी साहित्य) बी़एड

प्रकाशित कृतियां -

. ईडिया टूडे पत्रिका ,नोहर तहसील(rajasthan) (लुप्त होता sanskrati का सौन्दर्य ) निबन्ध,
(कुदरत का प्रतिशोध) निबन्ध व अन्य रचनाएं । 2013

पुष्पवाटिका पत्रिका (U.p.)(लोकपाल बिल)

अखण्ड भारत पत्रिका .दिल्ली(स्वप्न से यर्थाथ तक . . )हर नारी भारत का अभिमान है .., जुलाई2014

साहित्यरागिनी वेब पत्रिका .सांचोर (परिचर्चा :- साहित्य मे अश्लीलता का घालमेल कितना सही? कितना गलत) 2014 जुलाई अंक

साहित्य रागिनी वेब पत्रिका,सांचोर (ईमानदारी की दस्तक) २०१४

वास्तविक आजादी की ओर पाक्षिक पत्रिका ,नोहर तहसील राजस्थान२०१५ (मां का ममत्व ,गौ की पुकार ,वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई )
प्राप्त सम्मान -

* *वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई गौरव सम्मान  २०१४ * * दिल्ली

पता- नोहर तहसील ,जिला हनुमानगढ़(राजस्थान)

 

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