समय की धार ही तो है

समय की धार ही तो है
किया जिसने विखंडित घर
न भर पाती हमारे
प्यार की गगरी
पिता हैं गाँव
तो हम हो गए शहरी
ग़रीबी में जुड़े थे सब
तरक्की ने किया बेघर
खुशी थी तब
गली की धूल होने में
उमर खपती यहाँ
अनुकूल होने में
मुखौटों पर हँसी चिपकी
कि सुविधा संग मिलता डर
पिता की ज़िंदगी थी
कार्यशाला-सी
जहाँ निर्माण में थे-
स्वप्न, श्रम, खाँसी
कि रचनाकार असली वे
कि हम तो बस अजायबघर
बुढ़ाए दिन
लगे साँसें गवाने में
शहर से हम भिडे़
सर्विस बचाने में
कहाँ बदलाव ले आया
शहर है या कि है अजगर

- डॉ. अवनीश सिंह चौहान

युवा कवि, अनुवादक, सम्पादक 
जन्म : 04 जून, चन्दपुरा (निहाल सिंह), इटावा, उत्तर प्रदेश
शिक्षा: अंग्रेज़ी में एम.ए, बी.एड, एम.फिल एवं पीएचडी
कृतित्व एवं व्यक्तित्व :
(1) ‘शब्दायन’, उत्तरायण प्रकाशन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
(2) ‘गीत वसुधा’, युगान्तर प्रकाशन, दिल्ली
(3) मेरी शाइन (आयरलेंड) द्वारा सम्पादित अंग्रेजी कविता संग्रह ‘ए स्ट्रिंग ऑफ़ वर्ड्स’, 2010 
(4) डॉ चारुशील एवं डॉ बिनोद द्वारा सम्पादित अंग्रेजी कवियों का संकलन ‘एक्जाइल्ड अमंग नेटिव्स’
(5) आधा दर्जन से अधिक अंग्रेजी भाषा की पुस्तकें कई विश्वविद्यालयों में पढ़ी-पढाई जा रही हैं
(6) ‘टुकड़ा कागज़ का’ (नवगीत संग्रह), 2013 (प्रथम संस्करण) एवं 2014 (द्वितीय संस्करण- पेपरबैक) 
(7) ‘बुद्धिनाथ मिश्र की रचनाधर्मिता’ पुस्तक का संपादन, 2013  
(8) वेब पत्रिका पूर्वाभास का सम्पादन 
(9) वेब पत्रिका कविताकोश से ‘प्रथम अंतर्राष्ट्रीय कविता कोश सम्मान’  
(10) मिशीगन-अमेरिका से ‘बुक ऑफ़ द ईयर अवार्ड’ 
(11) राष्ट्रीय समाचार पत्र ‘राजस्थान पत्रिका’ का ‘सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार’ प्राप्त 
(11) अभिव्यक्ति विश्वम् (अभिव्यक्ति एवं अनुभूति वेब पत्रिकाएं) का ‘नवांकुर पुरस्कार’ 
(13) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान- लखनऊ का ‘हरिवंशराय बच्चन युवा गीतकार सम्मान’ 
संप्रति : प्राध्यापक- अंग्रेजी
स्थाई संपर्क: ग्राम व पोस्ट चन्दपुरा , जनपद- इटावा (उत्तर प्रदेश)

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