राही की दुनियां

गर कर सकते हो तो मुझपे यकीन करके देखो,
हमारे बीच के रिश्ते को ज़रा महीन करके देखो,
छोड़ दो उन्हें जो मीठा आस्मां दिखाते हैं तुम्हें,
तुमतो बस इश्क की ज़मी नमकीन करके देखो।
माहौल यूँ गमगीन बनाकर क्यों बैठे हो मेरे यार,
फ़क़त मिजाज़ ही सही ताज़ातरीन करके देखो।
इल्जामों का क्या है बेगुनाहों पे भी लगाते हैं लोग,
तुम गुनाह एक मेरे संग में कोई संगीन करके देखो।
और कब तक रहोगे इस बेरंग महफ़िल में तुम,
चलो इस ‘राही’ की दुनियां ही रंगीन करके देखो।।
- राही अंजाना
कवि राही अंजाना, एक आधुनिक युग के उभरते कवि हैं। इनका जन्म 21 सितंबर को उत्तरप्रदेश के जिला बरेली में हुआ ,लेकिन जन्म के पश्चात यह उत्तराखंड, जिला उधम सिंह नगर,काशीपुर में आकर रहे क्योंकि कवि के पिता श्री अनिल कुमार सक्सेना एक सरकारी कर्मचारी( सिंचाई विभाग) में कार्यरत थे  जिसके चलते इन्होंने अपनी प्राथमिक और उच्च शिक्षा  काशीपुर में रह कर ही पूर्ण की।
तत्पश्चात कंप्यूटर शिक्षा के प्रति कवि राही अंजाना जी का रुझान देख के पिता ने इन्हें कंप्यूटर शिक्षा से जुड़े कोर्स भी कराए।
कवि के घर का वातावरण शुरू से  ही धार्मिक विचारधारा वाला रहा और घर के अन्य सदस्यों में लिखने की रूचि थी, जिसके तहत कवि के हृदय में भी कुछ लिखने की क्षमता का विकास होने लगा। धीरे धीरे कवि सोशल मीडिया के संपर्क में आये और वहाँ से भी उन्हें उनकी कविताओं के लिए प्रोत्साहन प्राप्त हुआ। फिर क्या था कवि का मनोबल बढ़ता जा रहा था और कलम लिखने के लिए सदैव तत्पर रहने लगी। जहाँ कहीं भी कवि को कोई छवि दिखाई देती वैसे ही कवि के अंतर्मन से शब्दों का झरना कलम के द्वारा पृष्ठ पर बहने लगता।
कवि ने सोशल मिडिया सन 2011 में ज्वाइन किया और अपनी रचनाओं को प्रेषित करते रहे। सावन से सन् 2018 में सर्वश्रेष्ठ कवि सम्मान प्राप्त किया, स्टोरी मिरर से भी सम्मान पत्र प्राप्त किये एवम् स्टोरी मिरर की एक ई-पुस्तक में भी इनकी रचना को स्थान मिला तथा अमर  उजाला काव्य सहित्यपिडिया आदि पर भी ऑनलाइन रचनाओं को पब्लिश किया।
इस सब के लिए कवि सभी बड़ों व छोटो के सदैव आभारी रहना चाहते हैं जिन्होंने उन्हें अपने द्वारा लिखी हुई कविताओं के पुस्तक प्रकाशन के लिए भी प्रेरित किया।

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