मेरे पापा

 

पापा जब ऑफिस से आते
स्कूटर पर मुझे घुमाते
मेरे लिए खिलौने लाते
रोज कहानी मुझे सुनाते।

शेर वाली सुनके कहानी
मैं तो डर ही जाता हूँ
झूठ मूठ खर्राटे लेकर
चुपके से सो जाता हूँ।

 

- नीरज त्रिपाठी

 

शिक्षा- एम. सी. ए.

कार्यक्षेत्र – हिंदी और अंग्रेजी में स्कूली दिनों से लिखते रहे हैं | साथ ही परिवार और दोस्तों के जमघट में   कवितायेँ पढ़ते रहे हैं |

खाली समय में कवितायेँ लिखना व अध्यात्मिक पुस्तके पढ़ना प्रिय है |

प्रतिदिन प्राणायाम का अभ्यास करते हैं और जीवन का एकमात्र लक्ष्य खुश रहना और लोगों में खुशियाँ फैलाना है |

कार्यस्थल – माइक्रोसॉफ्ट, हैदराबाद

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