भारतीय राजदूत श्री जे. एस. मुकुल द्वारा अलकमार के चीज़ (कास ) बाज़ार का उद्घाटन

सर्वविदित है कि यूरोप सहित विश्व के अन्य देशों के खाद्य – व्यंजनों में ‘ चीज़ ‘ अनेक रूपों में शामिल है । इसके इतने प्रकार और स्वाद हैं कि गिनाने चलें तो ३६५ दिन भी कम पड़ जायेंगे । देशों के प्रतिनिधित्व करने के आधार पर ‘ चीज़ों ‘ के नाम रखे गये हैं – उदहारण के लिए – फ्रेंच चीज़ , इटेलियन चीज़ , जर्मन चीज़ , स्पेनिश चीज़ । इन चीज़ के भी वाइन और ब्रेड के प्रकारों की तरह से कई नाम रखे हुए हैं । सुबह के नाश्ते के ब्रेड के लिए दूसरे स्वाद की यंग ( युवा ) और कोमल चीज़ होती है । दोपहर के लंच के साथ थोड़ी ओल्ड और पीतख ( पुरानी और तीखी ) स्वाद के चीज़ का उपयोग होता है । रात के डीनर के भोज्य व्यंजनों में दूसरे तरह की चीज़ होती है जो व्यंजनों के साथ पिघलकर स्वाद और सुगंध बढ़ा देती है । इसके बाद डीनर में ही मीठी वाइन और पॉट के साथ चीज़ लेनें का चलन है । ऐसे में पूरी दुनिया में नीदरलैंड्स की चीज़ की अपनी अविस्मरणीय स्वाद अस्मिता है जिसे डच भाषा में ‘ कास ‘ कहते हैं ।
दूध का स्वर्ण ‘ चीज़ ‘ और पृथ्वी का सौंदर्य ‘ ट्यूलिप ‘ दुनिया में हॉलैंड की पहचान बनाये हुए है । उत्तरी हॉलैंड के प्राचीन शहर अलकमार के सिटी सेन्टर में नहर के तट पर चीज़ संग्रहालय के भवन में ५२ मीटर ऊंचा टावर है । संग्रहालय १५९७ ई. और १५९९ ई. के बीच बनकर तैयार हुआ । जिसमें चीज़ बनाये जाने के उपकरण ऐतिहासिक तस्वीरें और दस्तावेज़ भी हैं । यहीं पर चीज़ पर बनी हुई फ़िल्में और स्लाइड – शो देखने दिखाने का प्रावधान भी है ।

चीज़ संग्रहालय के सामने के विशाल प्रांगण में प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह से अक्टूबर माह के बीच प्रत्येक शुक्रवार को दस बजे से चीज़ बाजार प्रारम्भ होता है और विश्व – विख्यात अनुभवी – पारखी लोगों द्वारा बोली लगते हुए चीज़ का दाम सुनिश्चित किया जाता है । चार दल इसमें सक्रीय रहते हैं । लाल, हरा, नीला, और पीला इनका रंग है जिनकी यह हैट लगाए रहते हैं । इस गिल्ड का एक फादर है जिसे वे प्रधान मानते हैं ।

चीज़ के इस ऐतिहासिक महोत्सव की शुरुआत के लिए देश-विदेश के महतवपूर्ण खिलाड़ी, गायक, पेंटर, प्रशासक, अभिनेता, साहित्यकार आमंत्रित किये जाते हैं। जो ठीक १० बजे – दस बार घंटी बजाकर, चीज़ – बाज़ार में खरीद-परोख्त के शुरुआत की घोषणा करते हैं। इस बार, नीदरलैंड देश में भारत के राजदूत महामहिम श्री जे. एस. मुकुल जी ने अपनी पत्नी मीता के साथ घंटी बजायी जो कार्यक्रम अलकमार के मेयर श्री पित ओखेंन ब्राउन और उनकी पत्नी ऐली के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।

श्री पित ओखेंन ब्राउन अलकमार के दस वर्षों से चयनित और सम्मानित मेयर हैं और अलकमार शहर की विरासत के विकास के सन्दर्भ में कई महत्वपूर्ण कार्य भी किये हैं। इस कार्यक्रम में मेयर द्वारा आमंत्रित कुछ विशिष्ठ अतिथियों में प्रमुख थे – श्री भगवान प्रसाद और प्रो० पुष्पिता अवस्थी। इस कार्यक्रम का महामहिम की पत्नी श्रीमती मीता जी के साथ उनकी पुत्री और दामाद भी अपनी गतिविधियों से महोत्सव की रौनक बढ़ाये हुए थे।

फोटोग्राफर और पत्रकारों के हुजूम ने भारत के राजदूत और अतिथियों से संयोजन के माध्यम से लाउडस्पीकर माध्यम से संवाद किया। जिसका वहां उपस्थित जनता की उत्साहित भीड़ ने भरपूर आनंद उठाया। चीज़ संगठन के प्रधान के नेतृत्व में आये हुए अतिथियों ने चीज़ को चख़ कर उसके स्वाद का भी विशेष लुत्फ़ लिया।

१० जून को यह ऐतिहासिक दिवस, इसलिए भी विशेष रूप से ऐतिहासिक रहा कि भारतीय राजदूत के द्वारा पहली बार इस तरह से चीज़ मार्केट के ओपनिंग की घोषणा हुई और वे ऐसे देश के राजदूत हैं जहाँ गाय को अभी भी गऊ माता मानते हैं और वह कामधेनू परम्परा की प्रतिनिधि होने के कारण पूजनीय और वन्दनीय है। नीदरलैंड्स देश भी गो-धन की दृष्टि से ही सही, गाय की स्नेह से सेवा और पालन करता है। पुरे देश के खुले मैदानों में चरती हुई चितकबरी काली सफ़ेद गएँ – इस देश की पहचान हैं। जो देश के लिए गौरव की बात है।

 

- अम्स्टेल गंगा समाचार ब्यूरो

 

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