ह्रदय ने हर छण पीर सही है
श्वासों की तुम संग प्रीत लगी है
तुमको लेकर बात बढ़ी है
तुम बिन चॆन कहां से पाऊँ
प्रिय कैसे , फिर तुम्हें मनाऊँ .
चितवन ऐसी खिली कली सी
स्वर लहरी है जल – तरंग सी
नयनों की झपकी , साझं ढली सी
बिछड़ा सावन कहाँ से लाऊँ
प्रिय कैसे , फिर तुम्हें मनाऊँ .
नेह मधुर है , स्पर्श है कोमल
धरती पर छाया स्वर्ग सा उपवन
गंगा की पूजित धारा सा निर्मल
तुम सा साथी कित ढूणू , कित पाऊं
प्रिय कैसे , फिर तुम्हें मनाऊँ .
जो तुम होती मेरी बगिया में
खिलते फूलों के संग खिलता
जो , पत - झड़ आता जीवन में
उसे ही नियति के नियम सा लेता
पर यह पत - झड़ कैसे दूर भगाऊँ
प्रिय ,कैसे फिर तुम्हें मनाऊँ
तुम रुठे हो , रूठा जग सारा
कोई भी जग में , लगता नहीं प्यारा
उग आया सूरज पर सुबह नहीं है
तन में उर्जा कहाँ से पाऊँ
प्रिय कैसे , फिर तुम्हें मनाऊँ .
- सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा
जन्म - स्थान : जगाधरी ( यमुना नगर – हरियाणा )
शिक्षा : स्नातकोत्तर ( प्राणी – विज्ञान ) कानपुर , बी . एड . ( हिसार – हरियाणा )
लेखन विधा : लघुकथा , कहानी , बाल – कथा , कविता , बाल – कविता , पत्र – लेखन , डायरी – लेखन , सामयिक विषय आदि .
प्रथम प्रकाशित रचना : कहानी : ” लाखों रूपये ” – क्राईस चर्च कालेज , पत्रिका – कानपुर ( वर्ष – 1971 )
अन्य प्रकाशन : 1 . देश की बहुत सी साहित्यिक पत्रिकाओं मे सभी विधाओं में निरन्तर प्रकाशन ( पत्रिका कोई भी हो – वह महत्व पूर्ण होती है , छोटी – बड़ी का कोई प्रश्न नहीं है। )
2 . आज़ादी ( लघुकथा – संगृह ) ,
3. विष – कन्या ( लघुकथा – संगृह ) ,
4. ” तीसरा पैग “ ( लघुकथा – संगृह ) ,
5 . बन्धन – मुक्त तथा अन्य कहानियां ( कहानी – संगृह )
6 . मेरे देश कि बात ( कविता – संगृह ) .
7 . ” बर्थ - डे , नन्हें चाचा का ( बाल - कथा – संगृह ) ,
सम्पादन : 1 . तैरते – पत्थर डूबते कागज़ “ एवम
2. ” दरकते किनारे ” ,( दोनों लघुकथा – संगृह )
3 . बिटीया तथा अन्य कहानियां ( कहानी – संगृह )
पुरस्कार : 1 . हिंदी – अकादमी ( दिल्ली ) , दैनिक हिंदुस्तान ( दिल्ली ) से पुरुस्कृत
2 . भगवती – प्रसाद न्यास , गाज़ियाबाद से कहानी बिटिया पुरुस्कृत
3 . ” अनुराग सेवा संस्थान ” लाल – सोट ( दौसा – राजस्थान ) द्वारा लघुकथा – संगृह ”विष – कन्या“ को वर्ष – 2009 में स्वर्गीय गोपाल प्रसाद पाखंला स्मृति - साहित्य सम्मान
आजीविका : शिक्षा निदेशालय , दिल्ली के अंतर्गत 3 2 वर्ष तक जीव – विज्ञानं के प्रवक्ता पद पर कार्य करने के पश्चात नवम्बर 2013 में अवकाश – प्राप्ति : (अब या तब लेखन से सन्तोष )
सम्पर्क : साहिबाबाद, उत्तरप्रदेश- 201005