ऐसा ही कुछ सर्वसम्मति से मत व्यक्त किया , आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन भोपाल , द्वारा देश को हिला देने वाली बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर , विचारोत्तेजक परिचर्चा ” दुष्कर्म रोकने में समाज की भूमिका ” में प्रमुख वक्ताओं और विशिष्ट अतिथियों ने।
” हमें अपने घर परिवार से ही मानसिकता सुधारनी होगी ।बचपन से ही लड़के को सिखाना होगा कि किस तरह एक महिला की इज्जत और मर्यादा रखनी है। जब पिता को ही अपनी मां के प्रति खराब दुर्व्यवहार करते हुए लड़का देखता है तो वही संस्कार उसमें आ जाते हैं और वह महिला का सम्मान और मर्यादा की सीमा रेखा पार करता है बाहर जाकर ” ।
दुष्कर्म एक ऐसी बीमारी है जिसका रूट कॉज देखना होगा इसमें हायर क्लास से लेकर लोअर क्लास तक के लोग शामिल हैं और रिश्तेदार विश्वास पात्र होने का और ऑफिसर ऊंचे ओहदे का फायदा उठाकर ,बहाने और दबाव बनाकर महिलाओं का शोषण दैहिक शोषण करते हैं।
दो हजार सत्रह में दुष्कर्म कितने हुए उनका हिसाब लगा रहा है
सभी न्यायालयों को जल्दी कार्यवाही करने के निर्देश दे रहा है ।
सात सालों तक अंतिम सुनवाई तक नहीं पहुंच पाई।
आज अभी तक भी कोई अंतिम आदेश ,
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नहीं हुआ।
अगर दुष्कर्म इतने हुए तो इनमें दुष्कर्मी कितने शामिल रहे,
इस संख्या को लगभग 4 गुना करके देखें तो कितनी बनती है!
हर साल के गिने जाए तो यह संख्या कितनी बनती हैं!
और इस आंकड़े में उन सभी कायर , गैरजिम्मेदार ,
देख सुनकर भी बचकर निकलने वाले,
समाज के जिम्मेदार लोग,
पहल न करने वाले, सहायता न करने वाले
पीठ दिखाने वाले , गलत शिक्षा और संस्कार देने वालों को,
शामिल कर लिया जाए तो ये संख्या कितनी बनती है !
ऐसा नहीं लगता कि,
यह धरती फिर तो,
इसी तरह के हैवान और
राक्षसों से पटी पड़ी है।
बड़ी भयावह स्थिति है।
कालिमा से ढके मस्तिष्क को छिन्न-मस्तक करने के लिए,
काली मां बनने की जरूरत है।
बच्चियों को बहुत स्ट्रांग बनाना होगा उनको फिजिकल ट्रेनिंग दी जाए और स्कूल में यौन शिक्षा अनिवार्य की जाए कक्षा छठवीं से
युवाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए शुभम चौहान ने कहा; – कि सोशल मीडिया फिल्मों सीरियल्स और फेसबुक आदि ने बहुत स्थापन और अश्लील वातावरण बनाया हुआ है यही यही सब देखकर और इंटरनेट का घातक प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है।
वहीं नीतिका वर्मा और राजकुमारी चौकसे ने कहा कि हमें अपने घर की बेटी की सुरक्षा मजबूत करने के लिए उन्हें पर्याप्त शिक्षण देना चाहिए ट्रेनिंग देना चाहिए और खासतौर से लड़कों को सिखाए जाएं संस्कार, जोकि आजकल नैतिक पतन के कारण बिल्कुल बिगड़े हुए हैं। माता-पिता का बहुत फर्ज बनता है कि वह उन्हें वक्त दें उनके साथ संवाद जारी रखें और उन्हें सही गलत का विवेक दें।
बच्चों के बीच सभी बातों को संवादों को जारी रखना जरूरी है।
बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित होते हुए एक का मां और समाजसेवी के रूप में निहारिका रश्मि ने कहा कि किस तरह बच्चियों को एक दूरी बनाकर सभी के साथ चलना है। किसी अजनबी पर विश्वास नहीं करना है। उन्हें गुड टच बैड टच का अर्थ समझ में आना चाहिए।
वरिष्ठ एडवोकेट साधना पाठक का भी यही कहना था कि;- नैतिक शिक्षा की असली शिक्षा है शेष तो दक्षता है और बहुत सारी ऐसी न्यायिक कार्यवाही है जिसकी वजह से न्याय मिलने में देरी होती है होना तो यही चाहिए कि 45 दिन में ऐसे मामलों का निपटारा हो जाए।
वही तो सुनीता शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि किस तरह लड़कियों को घर से बाहर निकलते समय और घर में भी अपनी सुरक्षा हेतु सभी सुरक्षा उपाय करके चलना चाहिए।
इनका समय पर मिलना जरूरी है। सरकार पोर्न साइट पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रही है। क्योंकि कोई राजनीतिक लाभ नहीं है इसलिए उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा।
बुलंद नारी शक्ति की प्रतीक पर्वतारोही अनीता शर्मा ने अपनी बात रखते हुए आवाहन किया ;
घर से बाहर बहन के पैर छूकर निकलते हो बाहर जाकर मां-बहन की गालियां बकते हो इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है पुरुष को अपना दोगलापन और अहंकार में महिला को कमतर समझकर उस पर तंज कसना फब्तियां कसना, शोषण, ताने मारना , छेड़छाड़ जैसी हरकतें बिल्कुल बंद करना चाहिए।
- अनुपमा श्रीवास्तव’ ‘अनुश्री’
जन्मस्थान- जबलपुर
शिक्षा- एमएससी , एल एल बी,
मॉरीशस में अध्यापन , संम्प्रति – एनाउंसर, आल इंडिया रेडियो, भोपाल। -
साहित्यिक अभिरुचियां – कवितायेँ , कहानियां , आलेख ,बाल साहित्य ,क्षणिकाऐं , मुक्तक, हायकु।
‘ प्रकाशन ’ - ‘अवि, तुम्हारे लिए , बाल काव्य संग्रह प्रकाशित , काव्य पुस्तक , बाल -कहानी पुस्तक प्रकाशनाधीन । देश-विदेश के प्रमुख पत्र -पत्रिकाओं एवं समाचार -पत्रों में रचनाओं का निरन्तर प्रकाशन। इंटरनेट पर साहित्यिक गतिविधियाँ , ब्लॉग ,आदि।
‘ सदस्य ’, ‘पदाधिकारी ‘ - हिंदी लेखिका संघ , म. प्र ( पूर्व प्रचार-प्रसार सचिव )
- कला मंदिर , भोपाल (प्रचार -प्रसार सचिव)
- बाल कल्याण एवं बाल साहित्य शोध केंद्र, भोपाल (प्रचार -प्रसार सचिव )
- अखिल भारतीय बुंदेलखंड एवं साहित्य परिषद, म.प्र , भोपाल
-अखिल भारतीय साहित्य परिषद , भोपाल
- म.प्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति , हिंदी भवन , भोपाल
- म.प्र लेखक संघ , भोपाल
- आगमन साहित्यिक संस्था , दिल्ली ,
(संयुक्त प्रभारी , मध्य प्रदेश )
‘ प्रसारण’ - दूरदर्शन, मध्यप्रदेश, से ‘साहित्य समय , काव्यान्जलि , परिवार आदि कार्यक्रमों में काव्य पाठ का प्रसारण एवं संचालन , टॉक शो में भागीदारी।
‘ आकाशवाणी ’ – के नारीशक्ति, बालसभा , कोपल कार्यक्रमों में कविताओं , कहानियों , आलेख , बाल रचनाओं ,कहानियों का निरन्तर प्रसारण एवं संचालन।
‘ E.TV (m.p) ’- स्क्रिप्ट लेखन एवं कविताओं का प्रसारण
“ सम्मान ” -
– “अक्षर- शिल्पी सम्मान ’ - 2013 , गांधी भवन, नई दिल्ली में , संस्कार सारथी ट्रस्ट , नई दिल्ली द्वारा।
– ” साहित्यकार सम्मान – 2013 , कादम्बिनी समिति एवं नेशनल बुक ट्रस्ट , नई दिल्ली द्वारा।
– ” बाल साहित्यकार सम्मान – 2014, हिंदी लेखिका संघ , म.प्र द्वारा।
- “बाल साहित्य प्रोत्साहन पुरस्कार ’ – 2013 , राष्ट्रीय बाल साहित्य सम्मान समारोह
में चित्रा प्रकाशन , राजस्थान द्वारा।
- ” हिंदी सेवी सम्मान ” – 2014 , जे,एम,डी प्रकाशन, नई दिल्ली , द्वारा।
- “राष्ट्र भाषा गौरव सम्मान ” - 2014, अखिल भारतीय हिंदी सेवी संस्थान, इलाहाबाद द्वारा।
- “काव्य श्री ” सम्मान -2015, सरस्वती कला संगम, झाँसी , द्वारा ।
- “काव्य कुमुदिनी ” सम्मान – 2016 , अखिल भारतीय साहित्य संगम, राजस्थान, द्वारा।
- ” उर्वशी सम्मान ” 2016 – अंतर्राष्ट्रीय साहित्य ,शोध , संस्कृति पत्रिका ‘उर्वशी ‘ द्वारा।
- ” सोशल मीडिया मैत्री सम्मान ” – 2016, लेखन , एंकरिंग , गायन की बहुमुखी प्रतिभा हेतु ‘ हम सब साथ साथ संस्था , दिल्ली, द्वारा।
- ‘प्रशस्ति – पत्र ‘ गायन हेतु ‘ - भोपाल उत्सव मेला समिति , भोपाल द्वारा।
- ‘ वाणी प्रमाण – पत्र ‘ - प्रसार भारती , आकाशवाणी , नई दिल्ली द्वारा।
‘अंतर्राष्ट्रीय सम्मान ‘
“ हिंदी साहित्य अकादमी “ , मॉरिशस द्वारा ‘ सम्मान पत्र ’ ( हिंदी भाषा ,संस्कृति सेवा एवं संवर्धन हेतु )।
“ विश्व हिंदी संस्थान ,कनाडा द्वारा ‘ सम्मान – पत्र ‘ ( हिंदी भाषा ,संस्कृति के विश्व व्यापी प्रचार-प्रसार में रचनात्मक सहयोग देने हेतु )।
“अन्य गतिविधियाँ”
- समाज सेवा , गायन , सम्पादन , इंटरनेट पर साहित्यिक गतिविधियाँ , ब्लॉग्स। विद्यालयों में छात्रों के मध्य ‘ बाल –प्रतिभा श्रृंखला ‘ का आयोजन ( हिंदी भाषा के पठन -पाठन ,शुद्ध हिंदी लेखन , प्रचार -प्रसार को प्रोत्साहित करने हेतु )।
बिभिन्न संस्थाओं और शालाओं में बच्चों की विभिन्न गतिविधियों का संयोजन।
उप संपादन – अंतर्राष्ट्रीय ‘ओजस्विनी ‘ पत्रिका।
संपादन – ‘बाल -मुस्कान ‘ ( अंतर्राष्ट्रीय इ- पत्रिका ‘प्रयास ‘) , कनाडा।
‘राष्ट्रीय बाल रंग उत्सव’ एवं अन्य साहित्यिक , सांस्कृतिक कार्यक्रमों में निर्णायक की भूमिका ।
“स्टोरी मिरर ‘ मुंबई द्वारा आयोजित साहित्यिक प्रतियोगिता 2017 में निर्णायक।
तूर्यनाद 17, मेनिट, भोपाल में वाद -विवाद प्रतियोगिता में निर्णायक एंव अध्यक्षता।
’संचालन’
‘दूरदर्शन’ - दूरदर्शन ,मध्य प्रदेश के ‘काव्यान्जलि ‘, ये है नारी शक्ति आदि कार्यक्रमों में संचालन।
‘आकाशवाणी’ - नारी -शक्ति , सांस्कृतिक , काव्य पाठ, विशेष कार्यक्रमों का संचालन।
‘भारत भवन’ , भोपाल – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात भारत भवन में ‘स्त्री रचनाशीलता ‘को समर्पित ‘आद्या ‘ नौ दिवसीय कार्यक्रम का संचालन।
‘विधानसभा भवन’ , भोपाल - ‘ मध्य प्रदेश छात्र संसद ‘ का संचालन
रवींद्र भवन , मानस भवन , हिंदी भवन , रेड क्रॉस सहित देश के कई स्थानों में सांस्कृतिक , शैक्षिक , साहित्यिक, सामाजिक कार्यक्रमों का संचालन।
‘ संचालन हेतु पुरस्कार ‘
- बेस्ट एंकर अवार्ड ‘ – सार्वदेशिक कायस्थ युवा प्रतिनिधि संस्था , भोपाल द्वारा।
- राष्ट्रीय संचालन एवं श्रेष्ठता अलंकरण , – निर्दलीय प्रकाशन ,नई दिल्ली -भोपाल द्वारा।
– श्रेष्ठ संचालन हेतु प्रशस्ति पत्र, – ‘ पर्पल मार्च ‘( इंडो- यूरोपियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) द्वारा।