हौसलों को जगाओ नए साल में

भूलकर सारे शिकवे गिले दोस्तों,
खुल के तुम मुस्कुराओ नए साल में l
गीत खुशियों के महफिल में गाओ नए,
कोई सरगम सजाओ नए साल में l

जिंदगी के सफर में हैं खुशियां औ गम ,
उठो  मंजिल की खातिर बढ़ाओ कदम l
खुद-ब-खुद आगे बढ़ते ही जाओगे तुम ,
हौसलों को जगाओ नए साल में l

जो भी रूठा है उसको मना लीजिए ,
फिर उजालों की शम्मा जला लीजिए l
हो महकते चमन में ना कोई खलिश,
गुल हंसी के खिलाओ नए साल में l
- डॉ. दीप्ति गौड़ ‘दीप’
शिक्षाविद एवं साहित्यकार ।
सर्वांगीण दक्षता हेतु भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व.डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक से सम्मानित, विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड २०१८ से सम्मानित ,ग्वालियर मध्यप्रदेश भारत ।

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