अकेलेपन
की आग जला देती
मन बस्ती को .
वक्त थपेडों
में मरता – जीता
अकेलापन .
आसूं घूट पी
घुटे अकेलापन
छिपा के गम .
नेह का हाथ
जख्म अकेलेपन
को पाट देता .
जीवन बेल
तन्हाई की काई में
मुरझा जाती .
अकेलापन
दुःखों की सूनामी में
डूबती नाव .
अकेलापन
अनकहे रिश्तों की
जीवन कृति .
आंसू के दीए
जलाती तन्हा साँसें
तेरी यादों के .
मनाकाश ने
अकेलापन संग
रची कथाएँ .
- मंजु गुप्ता
जन्म : ऋषिकेश , उत्तरांचल
शिक्षा : एम.ए ( राजनीति शास्त्र ) , बी.एड
शिक्षण : हिंदी शिक्षिका, जयपुरियार सीबीएससी हाईस्कूल, सानपाड़ा नवीमुंबई
संप्रति : सेवा निवृत मुख्य अध्यापिका , श्री राम है स्कूल , नेरूल , नवी मुंबई।
कृतियाँ : प्रांतपर्वपयोधि काव्य,दीपक नैतिक कहानियाँ,सृष्टि खंडकाव्य,संगम काव्य अलबम नैतिक कहानियाँ , भारत महान बालगीत सार निबंध,परिवर्तन कहानियाँ।
प्रेस में : जज्बा ( देश भक्ति गीत )
रुचियाँ : बागवानी , पेंटिंग , प्रौढ़ शिक्षा और सामाजिकता
प्रकाशन : देश – विदेश की विभिन्न समाचारपत्रों ,पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
उपलब्धियां : समस्त भारत की विशेषताओं को प्रांतपर्व पयोधि में समेटनेवाली प्रथम महिला कवयित्री , मुंबई दूरदर्शन से सांप्रदायिक सद्भाव पर कवि सम्मेलन में सहभाग , गांधी जीवन शैली निबंध स्पर्धा में तुषार गांधी द्वारा विशेष सम्मान से सम्मानित , माॅडर्न कॉलेज वाशी द्वारा सावित्री बाई फूले पुरस्कार से सम्मानित , भारतीय संस्कृति प्रतिष्ठान द्वारा प्रीत रंग में स्पर्धा में पुरस्कृत , आकाशवाणी मुंबई से कविताएँ प्रसारित , विभिन्न व्यंजन स्पर्धाओं में पुरस्कृत, अखिल भारतीय कविसम्मेलन में सहभाग ।
सम्मान : वार्ष्णेय सभा मुंबई , वार्ष्णेय चेरिटेबल ट्रस्ट नवी मुंबई , एकता वेलफेयर असोसिएन नवी मुंबई , मैत्री फाउंडेशन विरार , कन्नड़ समाज संघ , राष्ट्र भाषा महासंघ मुंबई , प्रेक्षा ध्यान केंद्र , नवचिंतन सावधान संस्था मुंबई कविरत्न से सम्मानित , हिन्द युग्म यूनि कवि सम्मान , राष्ट्रीय समता स्वतंत्र मंच दिल्ली द्वारा महिला शिरोमणी अवार्ड के लिए चयन आदि।
संपर्क : द्वारका, नवी मुंबई, भारत