मैं भी इसी मिटटी से उपजी
मुझको भी अधिकार दो
नहीं मांगती धन और दौलत
दे सको तो बस प्यार दो
हैं नाजुक तन मन तो क्या ?
हौसले नभ से विशाल हैं
लहरों की कलकल सी सतत
मेरे कर्मों की चाल है
है नजर मेरी मंजिल पर
हिम सम हैं इरादे मजबूत
मेरे नख से ठोस चट्टानें
गिरकर होती चकनाचूर
नए वक्त की आवाज हूँ मैं
धर्म और विश्वास हूँ मैं
कमजोर समझ न ए दुनिया
सृष्टि में सबसे ख़ास हूँ मैं
होता मुझसे सृष्टि का सृजन
मैं नहीं, तो है यह जग निर्जन
मैं लय हूँ ,मैं सुर ताल हूँ
मैं रंग लहू का लाल हूँ
मैं प्रेम लुटाती माँ बनकर
रणचंडी ,रण में जाती उतर
कर शत्रुओं का मैं विनाश
दूं बिछा, धरा पर उनकी लाश
न डरो,बस मुझे सम्मान दो
मैं जान लुटा देती हंसकर
गर थोडा भी मुझे प्यार दो
- सपना मांगलिक
जन्मस्थान –भरतपुर
वर्तमान निवास- आगरा(यू.पी)
शिक्षा- एम्.ए ,बी .एड (डिप्लोमा एक्सपोर्ट मेनेजमेंट )
सम्प्रति–उपसम्पदिका-आगमन साहित्य पत्रिका ,स्वतंत्र लेखन, मंचीय कविता,ब्लॉगर
संस्थापक – जीवन सारांश समाज सेवा समिति ,शब्द -सारांश ( साहित्य एवं पत्रकारिता को समर्पित संस्था )
सदस्य- ऑथर गिल्ड ऑफ़ इंडिया ,अखिल भारतीय गंगा समिति जलगांव,महानगर लेखिका समिति आगरा ,साहित्य साधिका समिति आगरा,सामानांतर साहित्य समिति आगरा ,आगमन साहित्य परिषद् हापुड़ ,इंटेलिजेंस मिडिया एसोशिसन दिल्ली
प्रकाशित कृति- (तेरह)पापा कब आओगे,नौकी बहू (कहानी संग्रह)सफलता रास्तों से मंजिल तक ,ढाई आखर प्रेम का (प्रेरक गद्ध संग्रह)कमसिन बाला ,कल क्या होगा ,बगावत (काव्य संग्रह )जज्बा-ए-दिल भाग –प्रथम,द्वितीय ,तृतीय (ग़ज़ल संग्रह)टिमटिम तारे ,गुनगुनाते अक्षर,होटल जंगल ट्रीट (बाल साहित्य)
संपादन– तुम को ना भूल पायेंगे (संस्मरण संग्रह ) स्वर्ण जयंती स्मारिका (समानांतर साहित्य संस्थान)
प्रकाशनाधीन– इस पल को जी ले (प्रेरक संग्रह)एक ख्वाब तो तबियत से देखो यारो (प्रेरक संग्रह )
विशेष– आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर निरंतर रचनाओं का प्रकाशन
सम्मान- विभिन्न राजकीय एवं प्रादेशिक मंचों से सम्मानित
पता- कमला नगर , आगरा