इस पत्रिका के प्रथम अंक का विमोचन करते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है । हमारा प्रयास है कि इस पत्रिका में पाठकों को हिंदी का उच्चस्तरीय साहित्य पढने को मिले | हमारे इस प्रयास में हमें हिंदी वांगमय जगत के प्रतिष्ठित लेखकों का सहयोग भी प्राप्त हुआ जिसके लिए हम उनका अम्स्टेल गंगा परिवार की ओर से आभार व्यक्त करते हैं | हिंदी साहित्य के उभरते हुये लेखकों की रचनाओं को भी हमने पत्रिका के इस अंक में शामिल किया है | पत्रिका के साज सज्जा में थोड़ी बहुत कमियाँ रह गयीं है , जिसे हम अगले अंक तक दूर कर लेंगे |
आने वाले पर्व दीपावली पर आप सबको ‘अम्स्टेल गंगा’ के सम्पादक मंडल की ओर से बहुत-बहुत बधाई | आइये हम सब मिल कर इस पावन पर्व पर समाज में फैले अंधकार को मिटा कर ज्ञान का प्रकाश फैलायें|
‘अम्स्टेल गंगा‘ में आपकी रचनाओं का स्वागत है । आपकी रचनाये हमारा मनोबल बढाती है और हमें लगातार हिंदी के उत्थान के लिए प्रयत्न करते रहने के लिए प्रेरित करती है । हमें आशा है कि हिंदी के प्रचार-प्रसार में आप सब के सहयोग द्वारा ‘अम्स्टेल गंगा ‘ अपने उद्देश्य में अवश्य सफल होगी ।
- अमित कुमार सिंह
सबसे पहले में आप सभी को अम्स्टेल गंगा के विमोचन अवसर पर आपके बहुमूल्य और सराहनीय योगदान के लिए धन्यवाद करना चाहूँगा | मै उन सभी का आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने कविता, लेख और कहानी के द्वारा अपने बहुमूल्य और गहन विचारो को व्यक्त किया है| इस विमोचन की सफलता की कुंजी का महत्वपूर्ण हिस्सा आपका समर्थन और विश्वास है जिसने अम्स्टेल गंगा परिवार को अपने पुरे उर्जा भावना के साथ कार्य जारी रखने का हौसला दिया है |
इस अवसर पर मैं महान नेल्सन मंडेला के प्रसिद्ध और उदात्त विचारो को आपके समक्ष व्यक्त करना चाहता हूँ -
” If you talk to a man in a language he understands, that goes to his head. If you talk to him in his own language, that goes to his heart.”
(यदि आप किसी व्यक्ति से किसी भाषा में बात करते है जो वो समझता है तब वो भाषा उसके मस्तिष्क में जाती है , यदि आप किसी व्यक्ति से उसकी मात्रभाषा में बात करते है तो वो भाषा उसके ह्रदय में समा जाती है )
अम्स्टेल गंगा परिवार भी इसी विचारधारा पर आपके सहयोग और प्रोत्साहन के साथ काम कर रही है | ये सभी हिंदी प्रेमियों के किये एकीकृत मंच है जहा वे अपने विचारो को अभिव्यक्त कर सकते है| अम्स्टेल गंगा परिवार साथ ही साथ इस महान भाषा हिंदी के प्रचार और प्रसार का भी काम कर रही है |
विकास और संशोधन एक निरंतर प्रक्रिया है | यहाँ महत्वपूर्ण है – सीखने की तीव्रता और इक्षाशक्ति | हम सभी आपके आशीर्वाद और शुभ कामनाओ के साथ सीखते हुए आगे बढ़ रहे है| कृपया अपने सुझाव हम लोगो तक पहुचाये | अम्स्टेल गंगा परिवार आप सभी के सुझावों को स्वीकार करेगी और उन पर अमल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाएगी |
अम्स्टेल गंगा परिवार की तरफ से आपको और आपके परिवार को शुभ दीपावली और ईद की हार्दिक शुभकामनाये |