सत्कार नव वर्ष

हम सदा ही मुस्कराकर

नूतन वर्ष करें सत्कार

नित नयी उपलब्धि हो

सफलता आये हमारे द्वार

हम सदा ही…..

 

मन कल्पना पंख. मिलें

खुलें अनंत क्षतिज द्वार

हर आंका्क्षा आकाश उडे

हो अन्तरिक्ष प्रेम प्रसार

हम सदा ही…..

 

जीवन जल सा उज्ज्वल हो

मन मंदिर में पुष्प खिलें

प्रसन्न्ता का हार लिये

उल्लास करे जीवन स्रन्गार

हम सदा ही….

 

मानव विज्ञान समन्व्य हो

तारापथ करे विस्तार

वसुन्धरा झिलमिल करे

रोहित चले सिन्धु अपार

हम सदा ही….

 

हर रात दीवाली दिन उजाला

खुशियों का हो हर त्योहार

हम सदा ही मुस्कराकर

नूतन वर्ष करें सत्कार

 

- नीरज नैथानी

जन्म : १५ जून

लेखन: कविता,लघू कथा,नाटक,यात्रा सन्स्मरण,व्य्न्ग्य,आलेख आदि।

पुस्तकें: डोन्गी(लघू कथा संग्र्ह)हिमालय पथ पर(पथारोहण सन्स्मरण)विविधा(व्य्न्ग्यसन्ग्र्ह),लंदन से लीस्तर(यात्रा सन्स्मरण),हिम प्रभा(काव्य संग्रह),

पुरस्कार: राष्ट्रपति पुरस्कार,राहुल सांस्कृत्यायन पुरस्कार, शलेश मटियानी सम्मान, हिंदी भूषन, विद्या वचस्पति, राष्ट्रीय गौरव आदि

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनो में: लंदन,मोरिशस,दुबई ,नेपाल आदि प्रतिभाग

पताश्रीनगर गड़वाल, भारत

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