तीन पीढ़ियन के खनल गड़हा
केहुवो के नजर परे |
इ सतुवा के पेट हो बबुआ
सोहारी से ना भरे |
झाड़ पोंछ उ सभे बटोरले
महल अटारी जगमग कइलें
जहवाँ जहवाँ मिलल जेतना
खात बेर सेन्ह में गवलें .
देश लगल अबरा के खेती
कवनो के चउवा चरे || इ सतुवा …………….
भर बाकस परदेश पठवलें
रोजे दिन जनता भरमवलें
भूखल पेट सुतल जा हमनी
तभियो जनते जेल पठवलें .
करज लीहलें देश के नांव
ओहुके तिजोरी धरें || इ सतुवा …………….
कवनो करम बचल ना इनसे
नीमन छाती पाँव जमवलें
रोज जपें बस नाम गरीबी
गरीबन के मजाक बनवलें .
मुँह में खून लगल बा इनके
चुरइल भी इनसे डरे || इ सतुवा …………….
मरजादा के नास मचावल
देश क सत्यानाश करावल
गाँव शहर सब मटियामेट
कहाँ मयस्सर रोटी चावल .
सभके खेती चरलेस गदहा
जनते जुर्माना भरे || इ सतुवा …………….
- जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
उपनाम- जे पी
जन्मस्थान- (जिला-राज्य-देश सहित)- गाँव – बरहुवा पोष्ट सैदूपुर जिला चंदौली ( वाराणसी ),उत्तर प्रदेश
शिक्षा- बी एससी , बी. ई. (इलेक्ट्रॉनिक्स & कम्यूनिकेसन )
व्यवसाय- कम्प्युटर सर्विस , वेव डिजाइन , वेव संपादक भोजपुरी पंचायत
प्रकाशित साहित्य का संक्षिप्त परिचय- शीघ्र प्रकाश्य भोजपुरी काब्य संग्रह
साहित्यकार का संक्षिप्त परिचय- भोजपुरी पंचायत ( भोजपुरी मासिक पत्रिका ) , मैना (भोजपुरी साहित्य की उड़ान ) , हेलो भोजपुरी (भोजपुरी मासिक पत्रिका ), भोजपुरिका (अंजोरिया), आखर ( भोजपुरी मासिक ई – पत्रिका ), पाती (भोजपुरी त्रैमासिक पत्रिका ), भोजपुरी संसार (भोजपुरी त्रैमासिक पत्रिका ), करुणावती ( हिन्दी त्रैमासिक पत्रिका ), शास्वत सृजन ( हिन्दी मासिक पत्रिका ) , सहचर (हिन्दी – ई पत्रिका ), वर्तमान अंकुर हिन्दी दैनिक , दी न्यू एज रिपोर्टर (हिन्दी साप्ताहिक), ड्रीम लाइन एक्सप्रेस (हिन्दी साप्ताहिक), हमारा पूर्वाञ्चल(हिन्दी साप्ताहिक) , दी भोजपुरी (न्यूज़ पोर्टल ), तीसरी जंग (न्यूज़ पोर्टल ), वेव दुनिया (हिन्दी पोर्टल ) सरीखे पत्र पत्रिकाओं मे कवितायें अनवरत रूप से प्रकाशित होती हैं ।अब तक 150 से अधिक रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं ।
साहित्य की विशेषता- भोजपुरी कविता , भोजपुरी गीत ,भोजपुरी आलेख , भोजपुरी संस्मरण
व्यक्तित्व – साधारण , भोजपुरी भाषा के विकास मे अनवरत कार्यशील
पुरस्कार व सम्मान- कविता लेखन के लिए हमारा पूर्वाञ्चल द्वारा प्रशस्ति पत्र
वर्तमान पता- चिरंजीव विहार , गाज़ियाबाद
विशेष – वेव संपादक (भोजपुरी पंचायत );