अम्स्टेल-गंगा परिवार सर्वप्रथम नेपाल में आये भूकंप में मारे गए लोगों की आत्मा की शान्ति की प्रार्थना करता है। हम आशा करते हैं कि इस आपदा की घड़ी में पूरा विश्व नेपाल की मदद करेगा और नेपाल को एक बार फिर से बसाने में हर संभव मदद प्रदान करेगा। हमे प्रकृति से ताल-मेल बनाने की कोशिश करनी है। प्रकृति ने हमे अनेकों उपहार दिए हैं परन्तु हम यदि प्रकृति से छेड़-छाड़ करेंगे तो इसका नुकसान हमें ही होगा। हमें उम्मीद है कि पुरे विश्व में कही भी नयी परियोजना, जैसे बहुमंजिली ईमारत, सड़क, पुल इत्यादि के निर्माण पहले हम ये अवश्य पता कर लेंगे कि चुनी गयी जगह उस कार्य के लिए उपयुक्त है की नहीं। ऐसा करने से भविष्य में जान और माल का खतरा कम होगा।आप सभी को आने वाले श्रावण माह की ढ़ेर सारी बधाइयाँ। अम्स्टेल-गंगा परिवार अपने सभी पाठकों को रमजान और आने वाली ईद की ढ़ेर सारी बधाइयाँ। हम आशा करते हैं कि इस साल की ईद पुरे विश्व में सुख और शांति ले कर आयेगी।हमें दुःख है कि पुरे विश्व में राजनैतिक उहा-पोह की स्तिथि है और शक्तिशाली देश इस स्तिथि को सुधारने की अपेक्षा इसका फायदा उठाने की तलाश में लगे हुए हैं। यह बिलकुल ही निराशाजनक है।प्रकृति ने हमे हरे भरे पेड़ पौधे दिए, नीला आसमान दिया, बिना रंग का पानी दिया है और जाने कितने रंग दिए है। पर इंसानो ने इसमें लाल रंग मिलाने की ठान ली है। कहीं बम के धमाके तो कही गोलियों की बरसात। इन धमाकों और शोर से सिर्फ चीत्कार और एक ही रंग निकलता है और वो है लाल,गाढ़ा लाल रंग। हमारी विश्व के सभी देशों और संगठनों से विनती है कि इस धरती को और लाल मत करो। आपस में प्रेम से मिलो और इस दुनिया में प्रेम से रहो। हे इन्सान ! इस सुन्दर धरती को सुन्दर ही रहने दो।
अम्स्टेल-गंगा परिवार विश्व में शांति बनाये रखने के पक्ष में है। हम हिंदी साहित्य के माध्यम से आप सभी को अपने इस पावन उद्द्देश्य से जोड़ना चाहते है।
आशा है की आपका सहयोग और प्यार हमें इसी तरह सदा मिलता रहेगा।
अम्स्टेल-गंगा के इस अंक में हम कुछ नये अनुभाग भी प्रारम्भ कर रहे है। बचपन की कोमल भावनाओं के संसार को समेटता हुआ ‘बच्चों का कोना’ , रोचक यादों का सफर कराता हुआ ‘संस्मरण’ , एक रचनाकार की मनोदशा और उसकी सोच का परिचय कराता ‘साक्षात्कार’ बिना एक ‘पुस्तक समीक्षा’ के कहाँ पूरा हो सकता है।
मित्रों अम्स्टेल गंगा के इंद्रधनुषीय आवरण के इन नए रंगों का आनंद लीजिये और इस अंक के बारे में अपनी प्रतिक्रियाओं से हमें जरूर अवगत करायें ।
शेष अगले अंक में।
- अमित कुमार सिंह एवं अखिलेश कुमार