अम्स्टेल गंगा के सभी चाहने वालों को अम्स्टेल गंगा परिवार की तरफ से नये साल की ढ़ेर सारी बधाइयाँ। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि २०१७ आप सभी के लिए अच्छा स्वास्थ और अधिक से अधिक खुशियां ले आए।
सूर्य देवता ने अपनी दिशा उत्तरायण कर ली है और शरद ऋतू धीरे-धीरे वापसी का रास्ता पकड़ रही है। इस कुदरती करिश्में को हिन्दू धर्म में त्यौहार की तरह मनाया जाता है। भारत के अधिकतर क्षेत्रों में इस पर्व को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन बच्चे और बड़े पतंग उड़ाने का खेल बड़ी चाव से खेलते हैं। क्षेत्र के अनुसार इस पर्व को पोंगल, बिहू, खिचड़ी अदि नामों से भी जाना जाता है। इस दिन तिल और गुड़ से बने हुए मीठे पकवान को खाना शुभ माना जाता है। हम आशा करते हैं कि आप सभी ने मकर संक्रांति के पर्व को धूम धाम से मनाया होगा।
अम्स्टेल गंगा आप सभी को बसंत पंचमी और आने वाली होली के लिए शुभकामनाएं देते हैं। हमे पूरी उम्मीद है कि ये पर्व आपके जीवन को खुशियों के रंगों से भर देंगे।
जीवन में कुछ भी हो आगे बढ़ने का प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए। निरंतर कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। जीतने तक उनको सबक मिलता रहता है। थक के बैठना, हार के बिखर जाना कमजोरों की पहचान है। बिखरने पे अपने आप को समेटना और पहले से भी अधिक उत्साह से आगे बढ़ने की कोशिश करना हिम्मती लोगों की खासियत है। अम्स्टेल गंगा परिवार आपको हमेशा अच्छे और सच्चे कार्य के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा। आप अपने जीवन पथ में निरंतर मजबूती से आगे बढ़ते रहें यही हमारी शुभकामना है।
हम आशा करते हैं कि इस अंक में चयनित लेख, कविता, कहानियाँ, और चित्रकारी आप सभी को सृजन के आनंद से पूर्ण कर आत्मीय सुख प्रदान करेगी। आपसे अनुरोध है कि, हमें अपनी प्रतिक्रिया से अवगत अवश्य कराएं।
धन्यवाद।
- अमित कुमार सिंह , अखिलेश कुमार एवं डॉ पुष्पिता अवस्थी