अम्स्टेल गंगा परिवार की तरफ से आप सभी पाठकों को नव वर्ष कि हार्दिक बधाइयाँ। हम ईश्वर से अपनी कृपा दृष्टि हम सब पर बनाये रखने कि कामना करते हैं। २६ जनवरी २० १४ को हमारा ६५वां गणतंत्र दिवस है। आप सभी को गणतंत्र दिवस कि बधाइयाँ।
जीवन कभी-कभी हमारे अनुसार नहीं चलता है और ऐसा होने पर हम भगवान को कोसते हैं। हमें बस ये याद रखना चाहिए कि जो भी होता है उसमे कुछ न कुछ अच्छा छिपा होता है, बस उसे सामने आने में थोड़ा समय लग सकता है। हमें विश्वास है कि गत वर्ष आप सभी के लिए उत्तम रहा होगा। यदि आप अभी भी कुछ मन चाहे फलों की आस में हैं तो बस थोड़े और समय की प्रतीक्षा बाकी हो सकती है। बस, इस प्रतीक्षा की घड़ी में अपने कर्म से कभी न भटकें। ‘कर्म ही पूजा है’, इस मंत्र का पालन ईमानदारी से करते रहें।
नया वर्ष हमेशा ही महत्वपूर्ण होता है। पर वर्ष २० १४ में सबसे महत्वपूर्ण है भारत में लोक सभा चुनाव। बीते वर्ष में बहुत सारे राजनैतिक उथल-पुथल हुए हैं। हमने देखा कि देश की जनता ने दशकों से चली आ रही सरकारों का तख्ता पलट कर दिया। इस उथल-पुथल में सबसे अच्छी बात ये है कि, देश की जनता जागरूक हो रही है। जनता गणतंत्र की ताकत होती है। आज देश की जनता देश के हित में एकजुट खड़ी है। आने वाले महीनों में हम सभी अपने मत के लिए सही उम्मीदवार और दल चुन लेंगे और फिर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
अम्स्टेल गंगा के इस अंक में रंग बिरंगी कहानियाँ , रोचक लघुकथा , चुभते हुए व्यंग , ज्ञानवर्धक लेख , सुन्दर चित्रकला और मनमोहक कविताओं के साथ ही साथ भोजपुरी साहित्य कि अनुपम प्रस्तुति है ।
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शेष अगले अंक में।
- अमित कुमार सिंह एवं अखिलेश कुमार