अम्स्टेल गंगा परिवार उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा में सभी भाइयों और बहनों के साहस और धैर्य को सलाम करता है। खास तौर पर जिस बहादुरी से सेना और विभिन्न समाज सेवक संघटनों ने राहत और बचाव कार्य किया, वो काबिले तारीफ है। हमें खेद है की सरकार ने राहत कार्य विलम्ब से शुरू किया और इसके परिणाम स्वरूप, हजारों अमूल्य जिंदगियां प्रकृति में विलीन हो गयीं। हम दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना करते हैं।
हम लेखक लोग लिखते वक़्त हुई गलतियों को काटते हैं, या मिटते हैं, और वहां फिर से और सुन्दर शब्दों का प्रयोग करके कुछ नया लिखते है, ठीक यही कार्य प्रकृति भी करती है। ये नदियां , हवायें और ये पहाड़, निरंतर प्रकृति सृजन में लगे रहते है। हमने भी प्रकृति के सुन्दरता में कई कृत्रिम दीवारे खड़ी कर रखी है, जो प्रकृति के सृजनात्मक कार्यों में रोड़े बन रही है, जिसका परिणाम प्रकृति हमें समय-समय पर देती रहती है। मनुष्य को प्रकृति के साथ ताल मेल बना के चलना है। कोशिश यही रहे की हम अपने प्रगति और विकास के लिए जो स्थान चुने वो प्रकृति के बदलाव के राह में बाधक न हो और संसार में पर्यावरण संतुलन बना रहे ।
हम आपको सावन मास की शुभ कामना देते हैं और भोले नाथ से सभी के ऊपर अपनी दयादृष्टि बनाये रखने की प्रार्थना करते है।
- अमित कुमार सिंह एवं अखिलेश कुमार