संपादकीय जनवरी २०१३

अम्स्टेल गंगा के दुसरे अंक (वर्ष २) के प्रकाशन के इस अवसर पर सबसे पहले हम अपने सहयोगियों और हिंदी जगत के माननीय रचनाकारों को अम्स्टेल गंगा परिवार की ओर से धन्यवाद देना चाहेंगे । जिनके सहयोग से यह पत्रिका अपने पाठकों को उच्च स्तरीय साहित्य प्रस्तुत करने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा कर पा रही है।

नव वर्ष पर आप सबको ‘अम्स्टेल गंगा’ के सम्पादक मंडल की ओर से बहुत-बहुत बधाई |आइये हम सब मिल कर इस नव वर्ष पर हिंदी भाषा के विकास, प्रसार और प्रचार के लिए एक ईमानदार प्रयत्न करने का संकल्प लें ।

आपकी प्रतिक्रियाएं ही हमारी ताकत हैं , जो हमें निरंतर सुधार और हिंदी के उत्थान के लिए प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित करतीं है। अम्स्टेल गंगा के प्रथम अंक पर हमें हमारे पाठकों और सहयोगी रचनाकारों से काफी उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। पाठकों के इस प्यार और विश्वास ने हमारे उत्साह को दोगुना कर दिया है ।

हमें पत्रिका के लिए कुछ उपयोगी सुझाव प्राप्त हुए। इनमें से कुछ पर हमने अमल भी किया है। अम्स्टेल गंगा की प्रस्तुति को बेहतर बनाने के लिए हम निरंतर प्रयत्नशील हैं।

पत्रिका के इस अंक पर अपनी प्रतिक्रियाओं से हमें जरुर अवगत करायें।

अम्स्टेल गंगा में आपकी रचनाओं का स्वागत है । हमें आशा है कि हिंदी के प्रचार-प्रसार में आप सब के सहयोग द्वारा हम अपने उद्देश्य में अवश्य सफल होंगे।

- अमित कुमार सिंह एवं अखिलेश कुमार

Leave a Reply