संपादकीय अप्रैल – जून २०१३

सर्वप्रथम अम्स्टेल गंगा परिवार की तरफ से हम आपको और आपके परिवारजनो को होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते है।

होली प्यार और एकजुटता का प्रतीक है। कृष्ण जीवन में भी हर जगह होली का विवरण है। आइये इस शुभ अवसर पर भगवान श्री कृष्ण को याद करे और जीवन अर्थ में रंगों के द्वारा नया आयाम जोड़े। मानव जीवन की आध्यात्मिकता को होली के रंगों के बिना सत्यापित करना असम्भव है। यह जीवन में  पवित्र प्रेम के अस्तित्व का प्रतीक है।

आप सभी का अपनी रचनाओं को हम तक पहुँचाने के लिए बहुत बहुत आभार। आपकी  रचनाएँ हमारी भाषा के विभिन्न रंगों को दर्शातीं हैं और इस अम्स्टेल गंगा पत्रिका को और भी रंगीन एवं भावपूर्ण बनाती हैं।

आपकी रचनाएँ हमारी अनन्य मात्रभाषा शक्ति का प्रमाण है जो हर भाव को किसी भी बंधन से मुक्त होकर उड़ने का साहस देती है।

सतत सीखना और ज्ञानार्जन का प्रयास ही सफलता का घटक है।  आपके सुझाव हमारे सतत सिखने के प्रयास को एक नया आयाम देते हैं । और ये ही अम्स्टेल गंगा परिवार के लक्ष्य को निर्धारित और प्राप्त करने की शक्ति का सार तत्व है।

हमें दुनिया के हर हिस्से से रचनाएँ प्राप्त हुयी है। पाठको की संख्या भी दिन प्रति दिन बढ़ रही है।

आप हमें अपने अनमोल सुझावों से अवगत कराते रहें। आप सभी के सहयोग और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

- अमित कुमार सिंह एवं अखिलेश कुमार

 

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