रिस्तो की भी होती हे एक्सपाइरी डेट

 

रिश्ता हो कितना भी प्यारा
चाहे जितना हो भाईचारा
यदा कदा देते रहो भेँट ,
रिस्तो की भी होती हे एक्सपाइरी डेट ।

दोस्ती कितनी भी पुरानी हो
चेहरे कितने भी नूरानी हो ,
अब किसका करना हे वेट ,
रिस्तो की भी होती हे एक्सपाइरी डेट ।

एक्सपाइरी का भी करो नवीनीकरण
आशा और उमंगो का करो वरण
जल्दी से सब करलो सब सेट ,
रिस्तो की भी होती हे एक्सपाइरी डेट ।

ज्यादा प्यार भी ठीक नहीं ,
रिस्तो में तकरार भी ठीक नहीं ,
मत करो इनका मटिया मेट
रिस्तो की भी होती हे एक्सपाइरी डेट ।

 

- राजेश भंडारी “बाबू”

 नाम : राजेश भंडारी “बाबु”

पिता : श्री सत्यनारायण जी भंडारी

जन्म स्थान : गाव ;हाजी खेडी ,तराना जिला उज्जैन (म.प्र.)

पैत्रक निवास : गाव ; झलारिया जिला ;इंदौर (म.प्र.)

शिक्षा : एजुकेशन : एम.काम., एल.एल.बी. ,एम.बी ए.(फाइनेंस)

प्रकाशन :
स्कुल/कालेज के समय से ही लेखन कार्य में रूचि रही| नई दुनिया, देनिक पत्रिका , देनिक भास्कर ,औधिच्च बंधू ,औधिच्य समाज ,अग्निपथ ,देनिक दबंग, प्रिय पाठक,अक्छर वार्ता ,मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति की पत्रिका वीणा ,शब्द प्रवाह वा अन्य पत्र परिकाओ में समय समय पर लेख ,कविता ,व्यंग प्रकाशित | मालवी के प्रचार प्रसार हेतु समय समय पर लेख वा कविताओ का प्रकाशन | इन्टरनेट के वा अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों से मालवी के प्रचार प्रसार निरंतर प्रयास रत हे | यू ट्यूब पर करीब ५० वीडियो उपलोड हे |फेसबुक के माध्यम से देश विदेश के मालवी भाषी हजारों लोगो से निरंतर जुड़े हुवे हे और मालवी सस्कृति की विलुप्त होती चीजों को जन जन तक पहुचाने के लिए प्रयासरत हे |नेट ब्लॉग के माध्यम से भी मालवी को देश विदेश के लोगो तक पहुचाने में प्रयास रत हे | आज कही भी कवि गोष्ठी होती हे तो मालवी की हाजरी जरुर लगती हे अखंड संडे ,मालवी जाजम और भी कई संथाओ में नियमित मालवी कविता पाठ करने जरुर जाते हे |

इन्टरनेट साईट व प्रकाशन : अंतरजाल पर अनगिनत प्रकाशन 

 

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