मुक्तक

 

1.  मेरी फेसबुक वाल  पर इक शेर उन्होंने लिख डाला।
गाल सेब, होठ कमल, आँख बेर उन्होंने लिख डाला।।
सजाकर सरेबाजार इक दुकान फल और फूल की।
खुद को इक ग्राहक, सांय देर उन्होंने लिख डाला।।

2. आया  वसंत पाला उडंत अब घर  गर्इ रजार्इ।
बाजे  न  दन्त कहता अनन्त अब करले सगार्इ।।
जवानी भी है मौसम  भी  है  और  दस्तूर  भी।
सखी शोध कन्त कब तक हलन्त लेती अगंड़ार्इ।।

3. शब्द आर्इ लव यू बड़ा सस्ता हो गया है।
हाल आशिकों का भी खस्ता हो गया है।।
एक वेलेन्टाइन पर चार चार वेलेन्टाइन।
वेलेन्टाइन्स का पूरा बस्ता हो गया है।।

4. बहुत सताया ग्लोबल वार्मिंग ने अब ग्लोबल कुलिंग होगी।
बड़े बड़े ये जो साइंटिस्ट हैं, इनकी लेग पुलिंग होगी।।
तुम करो प्यारे राज आदम पे और करो सौ दफा।
मगर कुदरत पर तो भैया उस खुदा की रूलिंग होगी।

5. हे आदमी तू आदमी गढ़ के दिखा।
यूँ खुदा के सर पे न चढ़ के दिखा।।
तू चढ़ चांद पर  और चढ़ सौ दफा।
इक बार तो सूरज पे चढ़ के दिखा।।

6. भ्रमर कोर्इ मुहब्बत का कुसुम जब चूम लेता है,
कुसुम संग आप भी मस्ती नशे में झूम लेता है,
नशा क्या है मुहब्बत का ये आशिक ही समझते हैं ,
जवानी चीज क्या इसमें बुढ़ापा धूम मचाता है।

7. वृक्ष पर बैठ बुलबुल ने गीत कुछ ऐसा गाया है,
शरद के झुलसे जंगल में यौवन जैसा छाया है,
पुष्प बरसा रहे उपवन ध्वनि करतल पत्र बजती,
दूत रूत के बदलने का संदेशा ले के आया है।

8. दर्द दिखता पड़ोसी का होठ पर हिल नहीं सकते,
उधड़ जाए अगर रिश्ते तो उनको सिल नहीं सकते,
कह दो धर्मपत्नी से कि तुम भी दूर ही रहना,
अलगाववाद का शासन अब हम मिल नहीं सकते।

9. जिसको बांध सके न कोर्इ समय वो आग का गोला है,
रखता सब को अपनी हद में ये वो जाल है झोला है,
समझ न ले कोर्इ गर संग है उसके संग ही रहेगा,
कब किसकी बातों में आ जाए ये बड़ा ही भोला है।

10. न मैं धूप जलाता हूँ न देवालय जाता हूँ,
प्रभु ने नेक दी है सेवा बस विद्यालय जाता हूँ,
उसके बाल रूप के दर्शन मैं दिन भर करता हूँ,
सायं संतोष संग खुशी खुशी निज आलय आता हूँ।

 

 - अनन्त आलोक

 

 

शिक्षा - वाणिज्य स्नातक, शिक्षा स्नातक, पी०जी०डी०आए०डी०

 संप्रति - हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में अध्यापन।

 विधाएं - कविता, गीत, गज़ल, बाल कविता,लेख,कहानी,निबन्ध,संस्मरण,लघु कथा, लोक -कथा,मुक्तक।

 लेखन माध्यम – हिन्दी, हिमाचली एंव अंग्रेजी।

 कृति - तलाश , काव्य संग्रह

 मुख्य प्रकाशन - कई पुस्तकों एवं काव्य सग्रहों में रचनाएं प्रकाशित, असंख्य बाल कविताएं, कहानियां विभिन्न बाल पत्रिकाओं में प्रकाशित

 देश और नेट की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित, बच्चों के स्तर पर जाकर बच्चों के लिए बाल कविताएं कहानियां एवं लेख पिछले १० वर्षों से लगातार लेखनरत, जो राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं बाल भारती दिल्ली, चंपक, चकमक राजस्थान और इन्द्र धधनुष तथा अक्कड़ बक्कड़ “शिमला में लगातार प्रकाशित होती रही हैं।

 

पुरस्कार - हि०प्र० सिरमौर कला संगम द्वारा सम्मानित पर्वतालोक की उपाधि। २०११ में सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश में साहित्य गौरव पुरस्कार ।

विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, गान्धीनगर द्वारा कवि शिरोमणि, नीला आसमान साहित्य सम्मान

विभिन्न शैक्षिक तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा अनेकों प्रशस्ति पत्र

नौणी विश्वविध्यालय द्वारा सम्मान व प्रशस्ति पत्र, उत्कृष्ट साहित्य सेवा सम्मान,

हिमौत्कर्ष द्वारा विद्या विशारद की उपाधि

 प्रकाशनाधीन - किये खे ओटा( हिमाचली काव्य संग्रह)

 संपर्क सूत्र – ’साहित्यालोक’, आलोक भवन, ददाहू,त० नाहन, जि० सिरमौर, हि०प्र०

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