भूल

 

जब भी हम कहते हैं
हम फलां काम भूल गए
हम रच रहे होते हैं कोई खेल
या फिर बोल रहे होते हैं झूठ
क्योंकि
हम कभी नहीं भूलते
सुबह की चाय
दो वक़्त का खाना
और रोज रात को चार्ज करना
अपना मोबाईल|

 

 - पंकज भाटिया ‘कमल’

शिक्षा: एम् एस सी (भौतिकी), एम् बी ए

व्यवसाय: मुंबई में मल्टी नेशनल आई टी कंपनी में सेल्स मेनेजर

लेखन संप्रति : स्वतन्त्र लेखन

लेखन विधा: छंदमुक्त कविता, आलेख, निबन्ध आदि

पिछले चौदह वर्षों से विभिन्न हिंदी एवं अंगेजी पत्र पत्रिकाओं में सम सामयिक विषयों पर आलेख प्रकाशित

प्रथम कविता संग्रह शीघ्र प्रकाशन के लिए तैयार

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