माफ़ करना दोस्तों !!! अगर इस शीर्षक से आप को मैंने चौका दिया ना, अरे किसी के दिल टूट जाने की पीड़ा मैं कैसे लिख सकती हूँ यही ना.
अक्सर दिल टूटने से हमने रोते पीटते शराब के नशे में डूबे हुए देवदास की याद दिला दी, जो हमारी नज़रों के सामने आ जाते हैं, दर्द भरे गाने सुनना और अकेले रहना यही तो उसकी निशानी थी सही कहा ना मैंने,,,,लैला- मजनू, हीर- रांजा, के नाम आते ही प्रेम के किस्से याद आ जाते हैं.
सिमरन आज सुबह से ही एकदम फ्रेश लग रही थी, जैसे किसी कैद से छुटकारा मिल गया हो या उसे नया जहाँ मिल गया हो बिलकुल वैसी ही चिड़िया की तरह चहक रही है. कोलेज भी वह जल्दी चली गई अपनी पुरानी सारी फ्रेंड्स को कॉल कर के बुला लिया,
सिमरन: आज मेरी ओर से केफसी KFC में पार्टी,
टीना, पूजा और जिया भी आ गई.
आज की जनरेशन को बस पार्टी करने का एक बहाना चाहिए. हाँ, वही तो कहाँ उनको कमाना है भाई, पैसे तो पापा की बैंक से आ रहे है. जिम्मेदारी के बारे में समझाना ना तो माँ बाप कर पाते हैं ना ही कोई और सच आज के बच्चे तोबा- तोबा …. उनको स्टेसस, ब्रांडेड कपडे,महंगी गाड़ी, रोज की बात बात पे पार्टियाँ यही है लाइफ इसके आगे क्या है क्या होगा उनकी बला से !!!
दिखावा केवल दिखावा में मानने वाली पीढ़ी को कैसे समझाए ?भूमंडलीकरण ने सारी चीजें बदल कर रख दी है. उसमें भी स्मार्ट फोन और एक्स्ट्रा फोर्वड होते आज कल के बच्चे सही में स्मार्ट है भाई !! सब कुछ तो समझ लिया है लेकिन उन्होंने खुद के भीतर कुछ खालीपन छोड़ दिया, तकनीक के साथ संवेदना कहीं इंस्टाल नहीं हो पाई ये सच्चाई है. क्या मशीन होते गए हैं हम? याद आ रहा है ग्लोबल दुनिया का रिलायंस का विज्ञापन ‘कर लो दुनिया मुठ्ठी में.’शुष्क होते रिश्ते, दूर होते इन्सान, मानवता के ख़त्म होने के आसार तो नहीं ?
सिमरन अपने दोस्तों के साथ पहुँच गई केफसी KFC
टीना : अरे आज बहुत फुल फटाक लग रही है ओ.. य… य… य की बात है सोणीये
सिमरन :चिल याआआआआआर मजे कर
पूजा: आज कैसे हमारी याद आ गई ??
जिया:अरे बका मज़ा कर ने
सिमरन : गुड न्युझ है याआआआआआर …फायनली आज मैंने बन्दर को छोड़ दिया.
टीना: ओह्ह्ह्हो…..मेडम
पूजा: तेरे संयाजी से काहे तूने ब्रेकअप कर लिया?
जिया:क्या?
टीना:सच्ची?
सिमरन: हाँ ,,,,,,,,,,हाआआआ वो भी फायनली ………….
टीना: दिल के टुकडे.. हो गए;;;;;;;;
सिमरन: अरे ऐसा कुछ नहीं अच्छा हुआ जो हुआ I am so happy u kwon
जिया: प्यार तो नसीब से मिलता है, यार तूने क्यों छोड़ दिया इतना भी बुरा नहीं था अमित फिर क्या हुआ ? कैसे हुआ ?क्यों हुआ?
सिमरन :चल पहले जो खाना है आर्डर कर चुपचाप
टीना: हाँ …
जिया: बता ना क्या बात है? सिमरन………..
सिमरन: जब प्यार में घुटन हो तो क्या करे ? अरे प्यार किया कोई गुलाम गिरी थोड़ी न
हर बात का जवाब दो, और ये मत करो वो मत करो इससे बात मत करो वहां मत जाओ मेरा फोन क्यों नहीं उठाया ? तेरा फोन बिझी क्यों था? कल क्यों बात नहीं की? ऑनलाइन थी फिर बात क्यों नहीं की?याआआआआआर ….मैं ये सब नहीं सह सकती ?
प्यार एक शब्द जिसमें महक थी और होती है, लगता है,वह………. कहीं खो -सी गई है. इस नई दुनिया में प्यार भी ऑनलाइन- ऑफलाइन हो गया है. एक दूसरे के लिए जान तक देने की कहानियां हमने सुनी थी. सहन शक्ति धीरे -धीरे कम होती जा रही है. युवाओं की आकर्षण को ही प्यार समझ रहे हैं और फिर थोड़े दिन में ही मुंह फेरने की नोबत आ जाती है. समर्पण की भावना गायब है. रिश्ते खोखले हो गए है, कच्ची नींव पर बंधी ईमारत टूट ही जाती है वैसे ही ….
बाजार ने जीवन की परिभाषा बदल दी है एक नहीं तो दूसरा रास्ता, दूसरा नहीं तो तीसरा, शायद ये संबंधों में भी आ गया है एक या दो साल के रिश्ते में उबाऊ महसूस करना, जीवन भर प्यार निभाने की बाते ओझल सी हो गई है, ब्रेकअप यानी दिल का टूटना लेकिन ब्रेकअप के बाद की नई शुरुआत की कहानी है आज़ादी की, क्या ये आज़ादी किससे चाहिए थी ?
सिमरन एक ऐसी आज़ादी को आज महसूस कर रही थी, उस मासूम चिड़िया की तरह वापस चहचहाना चाहती है. प्यार में बंधन मानती रही, सिमरन उस रिश्ते से छुट गई. ज्यादा देर तक एक ही चीज से जुड़े रहना अब किसे मंजूर होगा. संवेदना मर चुकी है इसीलिए संवेदना के साथ जीना भी मुश्किल हो रहा है. ब्रेकअप से ब्रेकअप नहीं बल्कि नया रास्ता मिला सिमरन को जो शायद वही उसकी पसंद भी थी, और रहेगी. शायद उसके दोस्तों ने भी सिमरन को नई दुनिया की मुबारक बाद दे दी.
- डॉ कल्पना गवली
एसोसियेट प्रोफेसर,
हिंदी विभाग,
कला संकाय, महाराजा सयाजी राव विश्वविधालय, बडौदा.