बहस: सोच – समन्वय की सांस्कृतिक दस्तक

सोच – समन्वय की सांस्कृतिक दस्तक…

 

इस अंक में ऊपर दिए गए विषय पर एक सार्थक बहस आमंत्रित है।
आप अपने विचार दिए गए विषय के पृष्ठ पर एक टिप्पणी की तरह प्रेषित कर सकतें हैं।

ये बहस पत्रिका के अगले अंक आने तक जारी रहेगी और अगले अंक में एक दूसरा विषय बहस के लिए प्रस्तुत किया जायेगा।
आशा है की हमारा ये नया प्रयोग और प्रयास आपको पसंद आयेगा।

 

- अम्स्टेल गंगा परिवार 

 

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