बच्चा मांगता है रोटी
मां चूमती है गाल |
गाल चूमना रोटी नही हो सकता,
बच्चा मागता है रोटी।
मां नमक-सी पसीजती है
बच्चे की जिद पर खीजती है।
मां का खीझना-नमक-सा पसीजना
रोटी नहीं हो सकता
बच्चा मागता है रोटी।
मां के दिमाग में
एक विचारों का चूल्हा जल रहा है
मां उस चूल्हे पर
सिंक रही है लगातार।
लगातार सिंकना
यानी जली हुई रोटी हो जाता
शांत नहीं करता बच्चे भूख
बच्चा मांगता है रोटी।
मां बजाती है झुनझुना
दरवाजे की सांकल
फूल का बेला।
बच्चा फिर भी चुप नहीं होता
मां रोती है लगातार
मां का लगातार रोना
रोटी नहीं हो सकता
बच्चा मांगता है रोटी।
बच्चे के अन्दर
अम्ल हो जाती है भूख
अन्दर ही अन्दर
कटती हैं आंत
बच्चा चीखता है लगातार
माँ परियों की कहानियाँ सुनाती है
लोरियां गाती है
रोते हुए बच्चे को हंसाती है |
माँ परियों की कहानियाँ सुनाना
लोरियां गाना
रोते हुए बच्चे को हंसाना
रोटी नहीं हो सकता
बच्चा मांगता है रोटी |
माँ रोटी हो जाना चाहती है
बच्चे के मुलायम हाथों के बीच |
माँ बच्चे की आँतों में फ़ैल जाना चाहती है
रोटी की लुगदी की तरह |
बच्चा मांगता है रोटी |
बच्चे की भूख
अब माँ की भूख है
बच्चा हो गयी है माँ |
बच्चा हो गयी है माँ
बच्चा माँ नहीं हो सकता
बच्चा मांगता है रोटी |
- रमेशराज
पूरा नाम- रमेशचन्द्र गुप्त
पिता- लोककवि रामचरन गुप्त
जन्म-15 मार्च , गांव-एसी, जनपद-अलीगढ़
शिक्षा -एम.ए. हिन्दी, एम.ए. भूगोल
सम्पादन- तेवरीपक्ष [त्रैमा. ]
सम्पादित कृतियां
1. अभी जुबां कटी नहीं [ तेवरी-संग्रह ]
2. कबीर जि़न्दा है [ तेवरी-संग्रह]
3. इतिहास घायल है [ तेवरी-संग्रह ]
4-एक प्रहारः लगातार [ तेवरी संग्रह ]
स्वरचित कृतियां
रस से संबंधित-1. तेवरी में रससमस्या और समाधान 2-विचार और रस [ विवेचनात्मक निबंध ] 3-विरोध-रस 4. काव्य की आत्मा और आत्मीयकरण
तेवर-शतक
लम्बी तेवरियां-1. दे लंका में आग 2. जै कन्हैयालाल की 3. घड़ा पाप का भर रहा 4. मन के घाव नये न ये 5. धन का मद गदगद करे 6. ककड़ी के चोरों को फांसी 7.मेरा हाल सोडियम-सा है 8. रावण-कुल के लोग 9. अन्तर आह अनंत अति 10. पूछ न कबिरा जग का हाल
शतक
1.ऊघौ कहियो जाय [ तेवरी-शतक ] 2. मधु-सा ला [ शतक ] 3.जो गोपी मधु बन गयीं [ दोहा-शतक ] 4. देअर इज एन ऑलपिन [ दोहा-शतक ] 5.नदिया पार हिंडोलना [ दोहा-शतक ] 6.पुजता अब छल [ हाइकु-शतक ]
मुक्तछंद कविता-संग्रह
1. दीदी तुम नदी हो 2. वह यानी मोहन स्वरूप
बाल-कविताएं-
1.राष्ट्रीय बाल कविताएं
प्रसारण-आकाशवाणी मथुरा व आगरा से काव्य-पाठ
सम्मानोपाधि-
‘साहित्यश्री’, ‘उ.प्र. गौरव’, ‘तेवरी-तापस’, ‘शिखरश्री’
अभिनंदन-सुर साहित्य संगम [ एटा ] , शिखर सामाजिक साहित्कि संस्था अलीगढ़
अध्यक्ष-1.सार्थक सृजन [ साहित्यक संस्था ] 2.संजीवन सेवा संस्थान ;सामाजिक सेवा संस्था 3.उजाला शिक्षा एवं सेवा समिति [ सामाजिक संस्था ]
पूर्व अध्यक्ष-राष्ट्रीय एकीकरण परिषद, उ.प्र. शासन, अलीगढ़ इकाई
सम्प्रति- दैनिक जागरण’ से स्वतंत्र पत्रकार के रूप में सम्बद्ध
सम्पर्क- 15/109, ईसानगर, निकट-थाना सासनी गेट, अलीगढ़ [ उ.प्र. ]