सुनिये प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी जी को ….,आचार्यकुल’ विनोबा भावे की धरती वर्धा से जो गांधी जी की भी कर्मभूमि है…जय हिंद जय भारत
बाबा विनोबा के सामाजिक और शैक्षणिक दर्शन की चेतना पर केंद्रीत आचार्य कुल की राष्ट्रीय अध्यक्षा प्रो.
पुष्पिता अवस्थी का पद ग्रहण अवसर पर दिया गया अविस्मरणीय सम्भाषण -
पुष्पिता अवस्थी का पद ग्रहण अवसर पर दिया गया अविस्मरणीय सम्भाषण -
विश्व एकता और मानवतावादी दर्शन के जनक , सामाजिक अध्यात्म के सिद्ध साधक बाबा विनोबा की
125वीं जयंती के अवसर पर जगन्नाथ की धरती उड़ीसा प्रदेश की राजधानी भुनेश्वर में कार्यक्रम के महासचिव माननीय मनोज जेना जी के नेतृत्व और नीदरलैंड से पधारी विनोबा जी के शिक्षा दर्शन पर केंद्रीत और 1968 में बाबा द्वारा स्थापित आचार्यकुल की राष्ट्रीय अध्यक्षा प्रो.पुष्पिता अवस्थी के मुख्यातिथ्य
में जयजगत को साकार करने की दिशा में रचनात्मक संकल्प लिए गए
14 सितम्बर 2019 विश्व हिंदी परिषद द्वारा श्री वी. के सिंह के हाथों
राजभाषा हिंदी के लिए वैश्विक स्तर पर प्रचार प्रसार के लिए सन्त विनोबा भावे के सामाजिक
अध्यात्म दर्शन की आचार्यकुल की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर पुष्पिता अवस्थी सम्मान ग्रहण करते हुए
राजभाषा हिंदी के लिए वैश्विक स्तर पर प्रचार प्रसार के लिए सन्त विनोबा भावे के सामाजिक
अध्यात्म दर्शन की आचार्यकुल की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर पुष्पिता अवस्थी सम्मान ग्रहण करते हुए
14 सितम्बर 2019 नई दिल्ली, महात्मा गांधी जी की 150 वी एवम सन्त बाबा विनोबा भावे की
125 वीं जयंती के अवसर पर विश्व हिंदी परिषद के तत्वावधान में कैप्टन वी. के. सिंह (विजय कुमार सिंह) के
हाथों विनोबा जी के आचार्यकुल की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी के 24 कहानियों के संग्रह
कन्त्राकि बागान का लोकार्पण हुआ जिसमे कन्त्रकी (कांट्रेक्ट) के तहत कैरेबियाई द्वीप- देशो में 1834 से
ले जाए गए हिन्दुस्तानियो के संघर्ष की दारुण दास्तान भी अभिव्यक्ति है।
साथ मे विश्व हिंदी परिषद के अध्यक्ष भी हैं ।पुस्तक अंतिका प्रकाशन से अगस्त माह में प्रकाशित हुई है।
125 वीं जयंती के अवसर पर विश्व हिंदी परिषद के तत्वावधान में कैप्टन वी. के. सिंह (विजय कुमार सिंह) के
हाथों विनोबा जी के आचार्यकुल की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पिता अवस्थी के 24 कहानियों के संग्रह
कन्त्राकि बागान का लोकार्पण हुआ जिसमे कन्त्रकी (कांट्रेक्ट) के तहत कैरेबियाई द्वीप- देशो में 1834 से
ले जाए गए हिन्दुस्तानियो के संघर्ष की दारुण दास्तान भी अभिव्यक्ति है।
साथ मे विश्व हिंदी परिषद के अध्यक्ष भी हैं ।पुस्तक अंतिका प्रकाशन से अगस्त माह में प्रकाशित हुई है।
- अम्स्टेल गंगा परिवार