पत्रिका के अनुभाग: अक्टूबर – दिसम्बर २०१८ (अंक २४ , वर्ष ७)
अम्स्टेल गंगा के इस फुलवारी में आपका स्वागत है।
रंग बिरंगे फूलों की इस बगीया में विचरण करे और हमें अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत करायें।
सम्पादक मंडल
अम्स्टेल गंगा
पत्रिका के अनुभाग: विषय सूची
हिंदी साहित्य:::
काव्य साहित्य:
दोहे::
ग़ज़ल::
ग़ज़ल: पीपल वाली छॉंव को - डॉ नरेश कुमार ‘‘सागर’’
क्षणिकाएँ::
कविता:
चिरनिद्रा- चिर-विश्रांति – अर्पणा शर्मा
कलम - विश्वम्भर पाण्डेय ’व्यग्र’
एक तिनका हम – डॉ. अवनीश सिंह चौहान
दर्शन दो अब नंद गोपाल – नीरज त्यागी
लेख::
विश्वबंधुत्व के साधक साहित्यकार(डॉ. कमल किशोर गोयनका) – डॉ पुष्पिता अवस्थी
इक्कीसवीं सदी का महिला कथा लेखन – नीलम कुलश्रेष्ठ
व्यंग्य::
ईमानदारी की बीमारी – अशोक गौतम
बच्चों का कोना::
जीव जन्तुओं का अद्धभुत संसार – आइवर यूशियल
विज्ञान बालकहानी – विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी
गज्जू हाथी और मोबाइल का भूत – अनुपमा अनुश्री
लघुकथा::
टूटती मर्यादा – सविता मिश्रा ’अक्षजा’
मैं हूँ न माँ… – अमरेन्द्र सुमन
कहानी::
भोजपुरी हिंदी साहित्य:::
मनोज के दोहे – मनोज सिंह ‘भावुक’
अम्स्टेल गंगा समाचार :::
मॉरीशस में ११ वां ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ संपन्न हुआ – अम्स्टेल गंगा समाचार ब्यूरो
साहित्यिक समाचार :::
“पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की ४७ वीं काव्य गोष्ठी – अवधेश सिंह
पुस्तक समीक्षा:::
अश्वत्थामा… यातना का अमरत्व – डॉ. कुमारसम्भव जोशी
यात्रावृत्त:::
अल्मोड़ा के संग -संग – आरती स्मित
प्रस्तावित पुस्तकें:::
संवेदना की आर्द्रता – डॉ पुष्पिता अवस्थी
उस दौर से इस दौर तक – डॉ मनोज मोक्षेन्द्र
कला दीर्घा:::
प्रकृति के मोहक रंग – रूपाली केसरवानी