नगमें

१.

प्यार क्या है ? एक ख़ुशी है कभी तो है गम कभी.

है करीब तो लगे पल, हो दूर तो है सदी.

हमे यु छुआ उस पल ने की सदी का एहसास दिला गया.

है दवा जो साथ दे तो, जो हो दूर तो बन जाये दारू.

है दिन में किरण, हो रात तो चांदनी,

ना हो तो है काली बदरी, हो ना तो है अमावस्या.

हमे भी मिली थी वो दवा जो दारू में बदल गयी,

थी चांदनी हमारी रात भी, की बादल से छा गए,

एक काली घनी रात में हमे तनहा बना गए.
२.

तुम साथ होती हो तो यूँ लगता है की समय मन रूपी पक्षी पे सवार कहीं उड़ा चला जा रहा है.

मैंने समय से गुज़ारिश की, ठहर, ठहर जा मेरे दोस्त की हमदम है मेरी बाहों में.

पर उसे भी अपने मीत से मिलने की जल्दी थी, वो ना रुका, बस मुस्कुराया के आगे बढ़ गया.

अब मैं तनहा फिर समय की रहमों करम के इंतज़ार में बैठा हो.

इस उम्मीद में की वो फिर मेरे हमदम को ले आएगा.

-अमित सिंह 

फ्रांस की कंपनी बेईसिप-फ्रंलेब के कुवैत ऑफिस में में सीनियर पेट्रोलियम जियोलॉजिस्ट के पद पे कार्यरत हैं |

हिंदी लेखन में रूचि रहने वाले अमित कुवैत में रहते हुए अपनी भाषा से जुड़े रहने और भारत के बाहर उसके प्रसार में तत्पर हैं | 

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