एम्सटर्डम मैराथन, 1975 के बाद से नीदरलैंड में होने वाली वार्षिक दौड़ है। इसे टीसीएस एम्सटर्डम मैराथन के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि टीसीएस इस मैराथन का सबसे बड़ा प्रायोजक है। एथलेटिक्स महासंघों के अंतरराष्ट्रीय संघ (IAAF) ने एम्सटर्डम मैराथन को गोल्ड लेबल की श्रेणी प्रदान की है। इस मैराथनइस में दौड़ कुल ४२.१९५ किलोमीटर की होती है। इसके अलावा २१.०९७ किलोमीटर की हाफ मैराथन, एक ८ किलोमीटर की दौड़, एक ७०० मीटर की १२ साल से कम आयु के बच्चों की दौड़ भी होती है।
टीसीएस एम्सटर्डम मैराथन में पेशेवर मैराथन दौड़ने वालो के साथ साथ और भी बहुत सारे लोग हिस्सा लेते हैं। पूरा माहौल मेले जैसा रहता है। ४ साल की आयु से ले कर ७५ साल से भी अधिक आयु के महिला और पुरुष इस दौड़ का रोमांच बढ़ाते हैं। स्वास्थ अच्छा रखने की इक्छा से ३ से ५ किलोमीटर दौड़ने वाले लोग टीसीएस एम्सटर्डम मैराथन के लिए एक दो महीने पहले से ही अपनी कमर कस लेते हैं, कुछ ८ किलोमीटर और कुछ २१ किलोमीटर की दौड़ का अभ्यास करने लगते हैं। इन सभी दौड़ों में छोटे बच्चों की दौड़ देखते ही बनती है। नन्हे नन्हे पैरों से दौड़ते हुए बच्चों देखते हुए उनके अभिभावक और बाकि दर्शक गण अत्यंत ख़ुशी का अनुभव करते हैं।
हर साल की तरह इस साल भी मैराथन के बड़े बड़े धुरंधरों ने टीसीएस एम्सटर्डम मैराथन में भाग लिया। इस साल के विजेता रहे, केन्या के डेनियल वांजिरू। वांजिरू ने ये दौड़ २ घंटे ५ मिनट और २० सेकंड में पूरी की। वांजिरू ने ये दौड़ अब तक हुई दौड़ों से कम समय में पूरी करते हुए एक नया कीर्तिमान बनाया। इस दौड़ में दूसरा और तीसरा भी केन्या के ही धावकों को मिला। दुसरे स्थान पर सैमी कितवार रहे, उन्होंने २ घंटे ५ मिनट और ४५ सेकंड का समय लिया। तीसरे स्थान पर मॉरिस किमुताई रहे, उन्होंने २ घंटे ५ मिनट और ४७ सेकंड का समय लिया। महिलाओं की दौड़ में इथियोपिया की मैसेलेच मेलकामु २ घंटे २३ मिनट और २० सेकंड का समय लेते हुए पहला स्थान प्राप्त किया। दुसरे स्थान पर इथियोपिया की अबेबेच अफवर्क रही, उन्होंने २ घंटे २४ मिनट और २७ सेकंड का समय लिया। तीसरे स्थान पर केन्या की यूनाइस चुम्बा रही, उन्होंने २ घंटे २५ मिनट का समय लिया।
- अम्स्टेल गंगा समाचार ब्यूरो