ग़ज़ल – अमित “अहद”

जब भी बरसी अज़ाब की बारिश।
रास  आयी शराब  की बारिश।।
मैंने   पूछा  कि  प्यार  है मुझसे।
उसने  कर दी गुलाब की बारिश।।
मैंने तो  इक   सवाल  पूछा था।
उसने कर दी जवाब की बारिश।।
हुस्न वालों  के  वास्ते  कर  दे।
ऐ- ख़ुदा तू  हिजाब  की बारिश।।
शायरी   पर  यक़ी  है  बरसेगी।
एक दिन तो ख़िताब की बारिश।।
मैंने  इक  जाम और  माँगा था।
उसने कर दी हिसाब की बारिश।।
देर  तक साथ भीगे  हम उसके।
हमने  यूँ  कामयाब  की बारिश।।
प्यार  से  रोक  दी  ‘अहद’ मैंने
आज उसके इताब  की बारिश।।

- अमित “अहद  

गाँव +पोस्ट -मुजफ्फराबाद

जिला -सहारनपुर (उत्तर प्रदेश )

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