जब भी बरसी अज़ाब की बारिश।
रास आयी शराब की बारिश।।
रास आयी शराब की बारिश।।
मैंने पूछा कि प्यार है मुझसे।
उसने कर दी गुलाब की बारिश।।
उसने कर दी गुलाब की बारिश।।
मैंने तो इक सवाल पूछा था।
उसने कर दी जवाब की बारिश।।
उसने कर दी जवाब की बारिश।।
हुस्न वालों के वास्ते कर दे।
ऐ- ख़ुदा तू हिजाब की बारिश।।
ऐ- ख़ुदा तू हिजाब की बारिश।।
शायरी पर यक़ी है बरसेगी।
एक दिन तो ख़िताब की बारिश।।
एक दिन तो ख़िताब की बारिश।।
मैंने इक जाम और माँगा था।
उसने कर दी हिसाब की बारिश।।
उसने कर दी हिसाब की बारिश।।
देर तक साथ भीगे हम उसके।
हमने यूँ कामयाब की बारिश।।
हमने यूँ कामयाब की बारिश।।
प्यार से रोक दी ‘अहद’ मैंने
आज उसके इताब की बारिश।।
आज उसके इताब की बारिश।।