कुत्ता और आदमी

 कुत्ते की हैसियत देख
आदमी बोला
तू है वफादार इसलिए
निभाता अच्छा किरदार
पूर्व जन्म के पुण्य हैं तेरे
इसलिए मिलते हैं तुझे
अच्छे तीमारदार।।
तूं है कटुभाषी फिर भी अभिलाषी
आदमी भी देता तुझको शाबासी
रोटी के टुकड़ों पर पलता
सच्चे अक्श में ढलता
और नक्शे कदम पर चलता
जैसे चलता वफादार।
खुशमिजां हो या बीमार
रहता चौकन्ना खबरदार
ज्यों मिली आहट कभी
साथ निभाता वेशुमार।
तारीफ के पुल सुन
मुस्कराया वफादार
अपनी भाषा में बोल पड़ा
मैं कुत्ता तूं आदमी
सचमुच मेरा बाप भी
था बफादार।।
- मोहन पांडेय 
सहायक प्रोफेसर
श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय हाटा कुशीनगर यू पी , भारत।
पूर्व निदेशक गांधी अध्ययन केंद्र
श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय हाटा कुशीनगर यू पी  , भारत।

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