कुछ तुम कह दो कुछ हम कह दें
कहने सुनने का मौसम है,
कितनी बातें करनी है तुमसे
तुम न जनों, मैं न जानूं।
कुछ तुम कह दो कुछ हम कह दें
बातें हो जाएँ पूरी मेरी
फिर मिले न मिले ये वक़्त हमें
बातें रह जाएँगी अधूरी।
कुछ तुम कह दो कुछ हम कह दें
हम चलते जाएँ बिना कुछ कहे
मिल जाएँ जो पंख हमें
हम उड़ जाएँ कहीं दूर गगन में।