क्या है औरत …?
एक आदमी के लिए…?
दुश्मन या सहेली…?
या अबूझ पहेली..?
क्या है औरत..?
एक खूबसूरत उलझन..
तन से भी …
मन से भी…
जिसके सामने वो खुद को,
पाता है असहाय …
कैसे करती है वो सब कुछ..?
निरंतर…
निर्बाध…
वो नहीं कर पाता…
इसका एक प्रतिशत भी..
इतनी खूबसूरती से…
जैसे करती है एक औरत…
कैसे धर लेती है वो रूप नित नए
जननी, मेनका, तो कभी सती….
पन्ना या गौरी….
क्या कुछ बन जाती है वो क्षण भर में..
आदमी समझ ही नहीं पाता
उस अबूझ,अनन्य ,खूबसूरत पहेली को..
जिसे औरत कहते हैं…
-पूजा भाटिया ‘प्रीत”
व्यवसाय: विभिन्न सीबीएसई विद्यालयों में अध्यापन, बच्चों की मार्गदर्शिका एवं परामर्शदात्री, फिलहाल इंदौर में अपने पति एवं दो तूफानी बच्चों को सँभालने का पूर्णकालिक कार्य
अन्य उप्लभ्धियाँ: स्कूल एवं कॉलेज के दिनों में बास्केटबाल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी
प्रकाशन: प्रथम काव्य संग्रह “प्रीत” 2010 में इंदौर से प्रकाशित, विभिन्न हिंदी पत्र पत्रिकाओं में कहानिओं, कविताओं एवं ग़ज़लों का नियमित प्रकाशन
सम्मान: 2011 में विश्व पुस्तक दिवस पर शासकीय पुस्कालय इंदौर द्वारा मध्य प्रदेश के नवोदित युवा साहित्यकार पुरुस्कार से सम्मानित
सदस्यता: हिंदी साहित्य समिति इंदौर, हिंदी परिवार इंदौर की आजीवन सदस्य
अन्य उप्लभ्धियाँ: आकाशवाणी इंदौर पर कविता पाठ एवं विभिन्न मंचों से कविता पाठ
संपर्क: इंदौर-452009 (म.प्र.)