इस रेखांकित समय में

इस रेखांकित समय में
जबकि टी०वी० समाज
हमारे समाज के साथ
घुल-मिल रहा है,
लोगबाग़ फ़िज़ूल ही
असफ़ल मानसून के खि़लाफ़
बग़ावत कर रहे हैं
और नीली कोठी में दुबके
सूरज के आगे
पानी को लेकर
आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं

मानसून की दग़ाबाज़ी से
कोई प्यासा कैसे मर सकता है
जबकि नगरपालिका के सौजन्य से
पानी के टैंकर आए-दिन
मोहल्लों में प्यास से
मुक्ति की गंगा बहा रहे हैं,

यह बात अलग है कि
औरतें पानी के बजाय
कास्मेटिक क्रीमों से
स्नान कर अघा रही हैं

बेशक!
इतना सार्थक दौर चल रहा है कि
चार्ल्स डार्विन सरेआम भौंक रहा है,
काहिल बिहारी मज़दूर
और भुक्खड़ उड़िया किसान
ख़ुदकुशियों को आबाद रख
नाकाबिल, नामर्द और कमज़ोरों की
तादात घटाते जा रहे हैं
और यह कितनी बुरी ख़बर है कि
शहर के नामचीन अस्पताल
स्वस्थ बाशिंदों के कारण

दीवालिया होते जा रहे हैं
जबकि फ़ाइव स्टार होटलों की संख्या
लगातार बढ़ती जा रही है
क्योंकि फुटपाथ के
कोकीनखोर रह चुके भिखारी
उन शाही होटलों की शान बढ़ा रहे हैं,
हम समय से आगे चल रहे हैं
और हमारी आर्थिक विकास-दर
उम्मीद की दुधारू गाय बनती जा रही है
जबकि कमबख़्त मीडिया
कीचड़ उछालने से बाज़ नहीं आ रहा है
और अतरौली में
एक हयादार औरत के
भूखों मरने की ख़बर छाप रहा है
क्या ज़रूरत है
इस खुशनुमा दौर में
खंगाली-गई ख़बरें छापने की–
कि डोम, रोहिताश्व के कफ़न में से
मुर्दाघाटनुमा क़ौम को ढँकने के लिए
एक टुकड़ा माँग रहा है
जबकि अवाम का हरिशचंद्र खुद को

महाजन यानी हुक़ूमत के हाथों गि़रवी रखकर
अपनी लुगाई से धंधा करा रहा है
और ऐय्याश ज़िंदग़ी बसर कर रहा है?

 

- डॉ मनोज श्रीवास्तव

लिखी गईं पुस्तकें: 1-पगडंडियां (काव्य संग्रह), वर्ष २०००; नेशनल पब्लिशिंग हाउस, न.दि.; हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा चुनी गई श्रेष्ठ पाण्डुलिपि; 2-अक्ल का फलसफा (व्यंग्य संग्रह), वर्ष २००४; साहित्य प्रकाशन, दिल्ली; 3-चाहता हूँ पागल भीड़ (काव्य संग्रह), विद्याश्री पब्लिकेशंस, वाराणसी, वर्ष २००६, न.दि.; हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा चुनी गई श्रेष्ठ पाण्डुलिपि; 4-धर्मचक्र राजचक्र, (कहानी संग्रह), वर्ष २००८, नमन प्रकाशन, न.दि. ; 5-पगली का इन्कलाब (कहानी संग्रह), वर्ष २००९, पाण्डुलिपि प्रकाशन, न.दि.; 6. प्रेमदंश (कहानी संग्रह) नमन प्रकाशन, 2012; 7-परकटी कविताओं की उड़ान (काव्य संग्रह), अप्रकाशित;

अंग्रेज़ी नाटक  The Ripples of Ganga लंदन के एक प्रतिष्ठित प्रकाशन केंद्र द्वारा प्रकाशनाधीन,

Poetry Along the Footpath (अंग्रेज़ी कविता संग्रह लंदन के एक प्रतिष्ठित प्रकाशन केंद्र द्वारा प्रकाशनाधीन,

–इन्टरनेट पर ‘कविता कोश में कविताओं और ‘गद्य कोश में कहानियों का प्रकाशन

राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं, तथा वेब पत्रिकाओं में प्रकाशित

–सम्मान–भगवतप्रसाद कथा सम्मान–2002 (प्रथम स्थान); रंग-अभियान रजत जयंती सम्मान–2012; ब्लिट्ज़ द्वारा कई बार बेस्ट पोएट आफ़ दि वीक घोषित; राजभाषा संस्थान द्वारा सम्मानित

लोकप्रिय पत्रिका वी-विटनेस” (वाराणसी) के विशेष परामर्शक और दिग्दर्शक

आवासीय पता: जिला: गाज़ियाबाद, उ०प्र०, भारत. सम्प्रति: भारतीय संसद (राज्य सभा) में सहायक निदेशक (प्रभारी–सारांश अनुभाग) के पद पर कार्यरत.

 

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