एक महत्वपूर्ण शोध पूरी करने के बाद आज वह अपने घर पर था| दो वर्षों के अथक परिश्रम के बाद आज उसे विश्राम करने का अवसर मिला था, वो अपने परिवार के साथ टेलीविज़न देखने बैठा| टेलीविज़न में समाचार आ रहे थे, इतने में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा आया ‘ब्रेकिंग न्यूज़’, यह देखते ही उसने सबको चुप रहने का इशारा किया और गौर से समाचार देखने लगा|
पहला समाचार आया, “देखिये इस चेहरे को! इसने बारह बार बलात्कार किया है, कैसे अपना चेहरा छिपा रहा है…”
वो खत्म हुआ तो दूसरा समाचार आया, “यह हमारे देश के नेता हैं, देखिये जनता के सेवक जाम पर जाम पिये जा रहे हैं और तिरंगा उल्टा रखा है|”
फिर तीसरा समाचार आया, “पिछले सप्ताह के दंगों का मास्टर माइंड पकड़ा गया, चेहरे से जितना मासूम दिखाई देता है, दिल से उतना ही खूंखार है |”
और चौथा समाचार आया, “ये देखिये खुले-आम प्रेमियों की रासलीला..”
पांचवा समाचार आता उससे पहले ही उसकी बेटी बोली, “नीचे पट्टी चल रही है उसको देखो!”
सबका ध्यान वहाँ गया, उसमें लिखा आ रहा था, “युवा शोध छात्रों ने की महत्वपूर्ण शोध, इस विषय में देश की उन्नति संभव|”
वो इसी समाचार की बाट जोह रहा था, लेकिन सौ मुख्य समाचारों की पट्टी में एक पंक्ति का समाचार देखकर उसका चेहरा उतर गया| उसने मायूसी से कहा, “लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के लिये उन्नति के सीने में धंसा हुआ तीर ज़्यादा अहमियत रखता है, कल अख़बारों के चौथे-पांचवे पन्ने पर मेरा नाम आ ही जायेगा|”
यह कह कर उसने टेलीविज़न बंद कर दिया|
- चंद्रेश कुमार छतलानी
आजीविका : सहायक आचार्य (कंप्यूटर विज्ञान) ,जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, उदयपुर (राजस्थान)
पता - प्रभात नगर, सेक्टर – 5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313002
लेखन - लघुकथा, पद्य, कविता, ग़ज़ल, गीत, कहानियाँ, लेख
प्रकाशन - मधुमति (राजस्थान साहित्य अकादमी की मासिक पत्रिका), शब्द व्यंजना, रचनाकार, अमेजिंग यात्रा, निर्झर टाइम्स, राष्ट्रदूत, जागरूक टाइम्स, Royal Harbinger, दैनिक नवज्योति, एबेकार पत्रिका, नव-अनवरत, वी विटनेस, हिंदीकुञ्ज, laghukatha.com, अटूट बंधन, किस्सा-कृति, जय-विजय, वेब दुनिया, कथाक्रम पत्रिका, लघुकथा अनवरत (लघुकथा संग्रह), आदि में रचनाएँ प्रकाशित