होली गीत

बड़ी जोर को सखी ऊ नचैय्या

मैं करूँ ता ता थैया बिरज में

कभी छल से कभी अपने बल से

कभी इतते कभी घेरे उतते

डारे होरी को ऐसो फगैय्या

मोरे पीछे पड़ो रे ततैय्या

मैं करूँ ता ता थैय्या बिरज में

बदरी सो सखी कारो कारो

प्रेम पगी मोपे नजर ऊ डारो

कपटी नैनन को तीर चलैय्या

पकडे धोखे से मोरी कलैय्या

मैं करूँ ता ता थैय्या बिरज में

लाज शर्म वाय कछु ही ना आवे

गोपियन संग ऊ तो रास रचावे

डारे ऐसी उनके गलबहियां

मारे शर्म के मैं मर जईंयां

मैं करूँ ता ता थैय्या बिरज में

तन रोके और मन ललचावे

मोरे ह्रदय ऐसी प्रीत जगावे

बसे मनवा सखी मन बसैय्या

कैसे कहूँ री ऊ मेरो सैंय्या

मैं करूँ ता ता थैय्या बिरज में

बड़ी जोर को सखी ऊ नचैय्या

                                                    मैं करूँ ता ता थैय्या बिरज में

 

- सपना मांगलिक

जन्मस्थान –भरतपुर

वर्तमान निवास- आगरा(यू.पी)

शिक्षा- एम्.ए ,बी .एड (डिप्लोमा एक्सपोर्ट मेनेजमेंट )

सम्प्रति–उपसम्पदिका-आगमन साहित्य पत्रिका ,स्वतंत्र लेखन, मंचीय कविता,ब्लॉगर

संस्थापक – जीवन सारांश समाज सेवा समिति ,शब्द  -सारांश ( साहित्य एवं पत्रकारिता को समर्पित संस्था  )

सदस्य- ऑथर गिल्ड ऑफ़ इंडिया ,अखिल भारतीय गंगा समिति जलगांव,महानगर लेखिका समिति आगरा ,साहित्य साधिका समिति आगरा,सामानांतर साहित्य समिति आगरा ,आगमन साहित्य परिषद् हापुड़ ,इंटेलिजेंस मिडिया एसोशिसन दिल्ली

प्रकाशित कृति- (तेरह)पापा कब आओगे,नौकी बहू (कहानी संग्रह)सफलता रास्तों से मंजिल तक ,ढाई आखर प्रेम का (प्रेरक गद्ध संग्रह)कमसिन बाला ,कल क्या होगा ,बगावत (काव्य संग्रह )जज्बा-ए-दिल भाग –प्रथम,द्वितीय ,तृतीय (ग़ज़ल संग्रह)टिमटिम तारे ,गुनगुनाते अक्षर,होटल जंगल ट्रीट (बाल साहित्य)

संपादन– तुम को ना भूल पायेंगे (संस्मरण संग्रह ) स्वर्ण जयंती स्मारिका (समानांतर साहित्य संस्थान)

प्रकाशनाधीन– इस पल को जी ले (प्रेरक संग्रह)एक ख्वाब तो तबियत से देखो यारो (प्रेरक संग्रह )

विशेष– आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर निरंतर रचनाओं का प्रकाशन

सम्मान- विभिन्न राजकीय एवं प्रादेशिक मंचों से सम्मानित

पता- कमला नगर , आगरा

 

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