१.
होठों से वो प्यारा जायका चला गया
माँ क्या गई मेरा मायका चला गया
२.
वो नज़रें थी की सवालों का दरिया ‘प्रीत ‘
वो पूछता रहा ,मैं नज़र चुराती रही
३ .
तनहा दिखना नहीं होता तनहा होना भी
जब कोई नहीं होता ,तुम तो होते ही हो
४ .
कोई इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता
ये हमपे है हम उसमें क्या धुंध लेते हैं
५.
हम मुफलिसी में भी रहे शाहेजहां बनकर
दुआओं की दौलत हमनें संभाल रक्खी है
६.
दवाओं की तासीर ख़त्म हुई जाती है
दुआओं से कहो आके मोर्चा संभाले
७ .
जब से सुना है देता हे वो अपनी रज़ा से बस
हमने कुछ भी मांगना तब से छोड़ दिया है
८.
कमी कहूँ इसे या खलिश कहूँ ज़िन्दगी की
वो साथ भी चाहिए जो पास हर् दम रहता है
९.
ज़िन्दगी के सलीके भी क्या अजीब है प्रीत
भीड़ में तनहा हम, तन्हाई में यादों की भीड़
१०.
हिचकियों को न भेजो अपना मुखबिर बना कर
हमें और भी काम है तुम्हे याद करने के सिवा
११.
भीड़ में महसूस करो जब भी खुद को तनहा
जान लेना मरीज़ हुए तुम नामुराद इश्क के
- पूजा भाटिया प्रीत
नाम: पूजा भाटिया
उपनाम: प्रीत
जन्मतिथि एवं स्थान: 11/08/1977 अकोला (महाराष्ट्र)
औपचारिक शिक्षा: जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से जीव विज्ञानं में स्नातकोत्तर
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से बी एड
व्यवसाय: विभिन्न सीबीएसई विद्यालयों में अध्यापन, बच्चों की मार्गदर्शिका एवं परामर्शदात्री, फिलहाल इंदौर में अपने पति एवं दो तूफानी बच्चों को सँभालने का पूर्णकालिक कार्य
अन्य उप्लभ्धियाँ: स्कूल एवं कॉलेज के दिनों में बास्केटबाल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी
सम्प्रति: स्वतंत्र लेखन
विधा: कहानी, हिंदी कविता एवं ग़ज़ल
प्रकाशन: प्रथम काव्य संग्रह “प्रीत” 2010 में इंदौर से प्रकाशित, विभिन्न हिंदी पत्र पत्रिकाओं में कहानिओं, कविताओं एवं ग़ज़लों का नियमित प्रकाशन
सम्मान: 2011 में विश्व पुस्तक दिवस पर शासकीय पुस्कालय इंदौर द्वारा मध्य प्रदेश के नवोदित युवा साहित्यकार पुरुस्कार से सम्मानित
सदस्यता: हिंदी साहित्य समिति इंदौर, हिंदी परिवार इंदौर की आजीवन सदस्य
अन्य उप्लभ्धियाँ: आकाशवाणी इंदौर पर कविता पाठ एवं विभिन्न मंचों से कविता पाठ
संपर्क: इंदौर-452009 (म.प्र.)