मॉरीशस में ११ वां ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ संपन्न हुआ

मॉरीशस में ११ वां ‘विश्व हिंदी सम्मेलन’ संपन्न हुआ.  इस सम्मेलन में यह पहली बार हुआ है कि भारत से सभी २९ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली, चंडीण्ढ और पुडुचेरी से भी प्रतिनिधि शामिल हुए .
इस ११ वें विश्व हिन्दी सम्मेलन की थीम – ‘विश्व हिन्दी और भारतीय संस्कृति’ रखी गई थी . साथ ही इस बार के विश्व हिन्दी सम्मेलन में ८ उप-विषय भी रखे गए थे. इतना ही नहीं आयोजन स्थल पर बने सभागारों के नाम भी हिन्दी साहित्यकारों के नाम पर रखे गए थे .
विश्व हिन्दी सम्मेलन के परिसर का नाम ‘गोस्वामी तुलसीदास नगर’ रखा गया था । इसके प्रमुख सभागार का नाम ‘अभिमन्यु अनंत’ के नाम पर रखा गया था  और एक सभाकक्ष का नाम प्रसिद्व कवि स्वर्गीय गोपालदास नीरज के नाम पर रखा गया था.
सम्मेलन में पहुंची सुषमा स्वराज ने संस्कृति और हिंदी भाषा को बचाने पर जोर देते हुए कहा कि अलग अलग देशों में हिन्दी को बचाने की जिम्मेदारी भारत ने ली है. अपने उद्घाटन संबोधन में सुषमा स्वराज ने कहा कि भाषा और संस्कृति एक दूसरे से जुड़ी हैं. ऐसे में जब भाषा लुप्त होने लगती है तब संस्कृति के लोप का बीज उसी समय रख दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जरूरत है कि भाषा को बचाया जाए, उसे आगे बढ़ाया जाए, साथ ही भाषा की शुद्धता को बचाए रखा जाए.
उन्होंने कहा कि इस बार विश्व हिन्दी सम्मेलन का प्रतीक चिन्ह ‘मोर के साथ डोडो’ है. इसके पीछे सोच यह है कि मारीशस में हिंदी वहां की राष्ट्रीय पक्षी डोडो की तरह ही गायब हो रही है। लेकिन भारतीय पक्षी मोर उसे उसी तरह से बचाता है जैसे भारत वहां हिंदी को बचाने की कोशिश में है।
मारिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने इस अवसर पर दो डाक टिकट जारी किए. एक पर भारत एवं मॉरीशस के राष्ट्रीय ध्वज और दूसरे पर दोनों देशों के राष्ट्रीय पक्षी मोर और डोडो की तस्वीर है. वहीं मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने भारत के सहयोग से बने साइबर टावर को अब अटल बिहारी वाजपेयी टावर नाम देने की घोषणा की है.
सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से विश्व के हिन्दी प्रेमियों को अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने का मौका मिलेगा. सम्मेलन शुरू होने से पहले सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भी दी गई. सम्मेलन में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी विशिष्ठ अतिथि थे .

 

- अम्स्टेल गंगा समाचार ब्यूरो

Leave a Reply