एक साईकिल पर सवार आदमी का सिर
आकाश से टकराता है
और बारिश होती है
उसकी बेटी ऐसा ही सोचती है
आकाश से टकराता है
और बारिश होती है
उसकी बेटी ऐसा ही सोचती है
वह आदमी सोचता है की उसकी बेटी के
नीले रंग की स्कूल – ड्रेस की
परछाई से
आकाश नीला दिखता है
नीले रंग की स्कूल – ड्रेस की
परछाई से
आकाश नीला दिखता है
बरतन मांजती औरत सोचती है
मजे हुए बरतन की तरह
साफ हो हर
मनुष्य का हृदय
मजे हुए बरतन की तरह
साफ हो हर
मनुष्य का हृदय
एक चिड़िया पेड़ को अपना मानकर
सुनाती है दुख
एक सूखा पत्ता हवा में चक्कर लगाता है
इसी तरह चलता है जीवन का व्यापार ।।
सुनाती है दुख
एक सूखा पत्ता हवा में चक्कर लगाता है
इसी तरह चलता है जीवन का व्यापार ।।
- रोहित ठाकुर
शैक्षणिक योग्यता - परा-स्नातक राजनीति विज्ञान
विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित
विभिन्न कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ
विभिन्न कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ
वृत्ति - सिविल सेवा परीक्षा हेतु शिक्षण
रूचि -हिन्दी-अंग्रेजी साहित्य अध्ययन
पत्राचार - संजय गांधी नगर, कंकड़बाग , पटना-800020, बिहार