पत्रिका के अनुभाग: जनवरी – मार्च २०२०

पत्रिका के अनुभाग: जनवरी – मार्च २०२० (अंक २८, वर्ष ९)

अम्स्टेल गंगा के इस फुलवारी में आपका स्वागत है।
रंग बिरंगे फूलों की इस बगीया में विचरण करे और हमें अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत करायें।

सम्पादक मंडल
अम्स्टेलगंगा परिवार

पत्रिका के अनुभाग: विषय सूची 

 

हिंदी साहित्य:::

काव्य साहित्य:

 

चौपाई:

चौपाई : भारत माँ ने आँखें खोलीं – ज्योत्स्ना प्रदीप

               कविता:

मशहूर – डॉ. अकेलाभाइ

प्रतिबिम्ब हूं – उषा वर्मा

नूतन-वर्ष मंगल कामनाएँ – अर्पणा शर्मा

वीर जवान जागे और हम सोयें – डॉ. सुनिल जाधव

कश्ती और लहर – बिमल तिवारी ‘आत्मबोध‘

तुम – मनीष कुमार

मंजिल की राह चल – मुकेश बिस्सा

राही की दुनियां  – राही अंजाना

भाग्य - राजकुमार जैन ‘राजन’

गोली - रोहित ठाकुर

अबला होने का इतिहास - सलिल सरोज

मृत्यु प्रेम – सारिका पारीक ‘ जुवि ‘

जीवन की  रेत - शालिनी मोहन

 

लेख::

पत्रकार और व्यापार  – अनुराधा सिंह

कली श्रृंगार: ब्रज का अद्भभुत देवालयी शिल्प  – गोपाल शरण शर्मा

दाम्पत्य जीवन और दांपत्य अधिकारों की प्रसांगिकता  – डॉ विदुषी शर्मा

समाज में शांति एवं अहिंसा की स्थापना : धर्म , अध्यात्म और राजयोग की भूमिका  – मेधावी शुक्ला

हिंदी में कार्य ही राजभाषा ,मातृभाषा की सही स्तुति होगी  – संजय वर्मा “दॄष्टि”

 

व्यंग्य::

चंद तस्वीर-ए-बुताँ – कमलानाथ

क्या करेंगे ऐसी भोली सूरत लेकर – डॉ प्रदीप उपाध्याय

 

बच्चों का कोना::

बाल कथा : खिलाड़ी – पुष्पा सक्सेना

बाल चित्रकला : एक परी – रिया खरयाल

बाल चित्रकला : विमान यात्रा – मास्टर अक्षित सिंह

बाल चित्रकला : संस्कृति और प्रौद्योगिकी — सिरी कुलकर्णी

 

लघुकथा::

मेच फिक्सिंग – चंद्रेश कुमार छतलानी

एक नया आसमां – ज्योति शर्मा

डायरी का पन्ना – अमरेन्द्र सुमन

बदलता इतिहास – डॉ संगीता गांधी

शापिता – किरण बरनवाल

 

कहानी::

एक अतृप्ता का हलफ़नामा – डॉ. मनोज मोक्षेंद्र

खुदकशी – दिलीप कुमार सिंह

इतना आसां नहीं – मधु अरोड़ा

 

भोजपुरी हिंदी साहित्य:::

होखे अगर जो हिम्मत कुछुओ पहाड़ नइखे -  माई – मनोज सिंह ‘भावुक’

अम्स्टेल गंगा समाचार :::

एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी की पत्रिका ‘सम्रद्ध मातृभूमि’ का लोकार्पण  – अम्स्टेल गंगा समाचार ब्यूरो

जयजगत २०२० अभियान के साथ विश्व पद यात्रा वर्धा पहुंची – अम्स्टेल गंगा समाचार ब्यूरो

 

साहित्यिक समाचार :::

आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन भोपाल , द्वारा देश को हिला देने वाली ,बढ़ते दुष्कर्म की घटनाओं पर , विचारोत्तेजक परिचर्चा – अनुपमा श्रीवास्तव ‘अनुश्री’

पेड़ों की छांव तले रचना पाठ की 63 वीं गोष्ठी संपन्न हुई ” जुमला रटना आजादी का – अवधेश सिंह

 

प्रस्तावित पुस्तकें:::

तुम हो मुझमें – डॉ पुष्पिता अवस्थी

चिर पराई – कादंबरी मेहरा

 

कला दीर्घा::: 

फूलों की चादर – पारुल पांडेय तिवारी

झरना – कृशानु रॉय

नीला गुलाब – ऋतु श्रीवास्तव सिन्हा

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